Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

लघुकथा-अनोखा मिलन | laghukatha -Anokha milan

लघुकथा-अनोखा मिलन बेटी के एडमिशन के लिए स्कूल आई मधुलिका एक बड़े से हाॅल में पड़ी कुर्सियों में एक किनारे …


लघुकथा-अनोखा मिलन

लघुकथा-अनोखा मिलन | laghukatha -Anokha milan

बेटी के एडमिशन के लिए स्कूल आई मधुलिका एक बड़े से हाॅल में पड़ी कुर्सियों में एक किनारे बैठ गई थी। तभी उसकी नजर अपनी कालेज में साथ पढ़ने वाली सहेली नीरजा पर पड़ी। नीरजा ने भी उसे देख लिया था। दोनों ही एक-दूसरे को देख कर बहुत खुश हुईं। नीरजा अपनी जगह से उठी और मधुलिका के बगल में बैठते हुए बोली, “तुम दिल्ली से यहां कब शिफ्ट हो गई?”
“अरे यार लंबी कहानी है।” मधुलिका ने कहा, “तुम्हें तो पता ही था कि कालेज के समय मैं और आरव एक-दूसरे को प्यार करते थे। आरव दिल्ली के एक बड़े बिजनेसमैन का बेटा था। लेकिन वह पंजाबी था, इसलिए मेरी मम्मी और पापा को यह रिश्ता पसंद नहीं था। उन्हें मेरे लिए मेरे पापा के दोस्त का बेटा मिलन पसंद था। उन्हें यह भी पता था कि मिलन मुझे पसंद करता है।
“पर मेरी जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ा और मजबूर हो कर उन्होंने मेरा विवाह आरव के साथ कर दिया। विवाह के बाद कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहा। पर उसके बाद आरव और मुझमें झगड़ा होने लगा। विवाह के पहले मीठी लगने वाली आदतें अब कड़वी लगने लगी थीं। वह मुझ पर हाथ भी उठाने लगा था। आखिर परेशान हो कर मैं मम्मी-पापा के पास लखनऊ आ गई।
“लखनऊ आने पर पता चला कि डिलीवरी के समय मिलन की पत्नी की मौत हो गई थी। वह बेटी को ले कर बहुत परेशान और दुखी रहता है। यह सुन कर मैं हतप्रभ रह गई। मैं उससे मिलने उसके घर गई। दरवाजा उसकी मम्मी ने खोला। मुझे उन्होंने प्यार से बैठाया। वह मेरे लिए पानी ले कर आईं तो उनके पीछे-पीछे दो साल की एक बच्ची भी थी। मैंने उसे गोद में उठा कर पुचकारते हुए उसका नाम पूछा। उसका नाम सुन कर मैं हैरान रह गई।
“उसका नाम मधुलिका था। मिलन की मम्मी ने कहा कि मेरे प्यार को यादगार बनाए रखने के लिए ही मिलन ने बेटी का नाम मधुलिका रखा था। मिलन के सच्चे प्यार को न पहचान पाने का मुझे बहुत पछतावा हुआ। अपनी गलती को सुधारने के लिए मैंने मिलन के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। फिर हम दोनों ने दूसरी बार विवाह कर लिया।”

About author 

वीरेन्द्र बहादुर सिंह जेड-436ए सेक्टर-12, नोएडा-201301 (उ0प्र0) मो-8368681336

वीरेन्द्र बहादुर सिंह
जेड-436ए सेक्टर-12,
नोएडा-201301 (उ0प्र0)


Related Posts

dosh kiska laghukatha by Sudhir Srivastava

October 5, 2021

 लघुकथादोष किसका?(सत्य घटना पर आधारित)       आज रमा को अपनी भूल का बहुत पछतावा हो रहा था।आज रह

Parivartit swaroop by Kanchan Sukla

October 1, 2021

 परिवर्तित स्वरूप सोलह साल, कक्षा नौ की छात्रा लवलीन को, कमरे में रोता देख मम्मी ने, तुरंत वहाँ जाना उचित

Aap ke liye laghukatha by Sudhir Srivastava

September 21, 2021

 लघुकथा आपके लिए            रीमा ससुराल से विदा होकर पहली बार मायके आयी।मांँ बाप भाई बहन

Chot laghukatha by Akanksha Rai

September 15, 2021

 चोट प्रोफेसर राय को उनकी कृति ‘स्त्री:तेरी कहानी’ के लिए आज सम्मानित किया जाना था।प्रोफेसर कालोनी से लगभग सभी उनके

Nadan se dosti kahani by jayshree birmi

September 12, 2021

 नादान से दोस्ती एक बहुत शक्तिशाली राजा था,बहुत बड़े राज्य का राजा होने की वजह से आसपास के राज्यों में

Zindagi tukdon me by jayshree birmi

September 12, 2021

 जिंदगी टुकड़ों में एक बार मेरा एक दोस्त मिला,वह जज था उदास सा दिख रहा था। काफी देर इधर उधर

Leave a Comment