यह कितना अद्भुत था
और मेरे लिए अत्यंत सुखद—
जब
महान दार्शनिक और वैज्ञानिक
रसेल और ओपेनहाइमर
एक ही पथ पर बढ़ चले—
दुनिया में शान्ति
और मानवता के कल्याण हेतु।
उन्होंने किया
परमाणु हथियारों का विरोध
और माँग की
अंतरराष्ट्रीय कानूनों की स्थापना की।
परन्तु
इन दोनों महान विभूतियों को
इस साहसिक रुख की
कठिन कीमत चुकानी पड़ी।
दोनों ही महान आत्माओं ने
आपस में
पत्र लिखे, संवाद किए
और साझा किया
मानवता का स्वप्न।
आज
जब दुनिया फिर से
युद्ध के जाल में उलझी हुई है
तो शान्ति और मानव कल्याण हेतु
हमें पुनः स्मरण करना होगा
रसेल और ओपेनहाइमर के
विचार, संदेश, और कर्तव्य।
-प्रतीक झा ‘ओप्पी’






