“युवा शक्ति जागो रे”
सेवा का हथियार हाथ में
“मुझको नही तुझको “के नारे से
दुखियों के दुःख- दर्द को मिटाना है ……..
जागो ………………….!
एक दूजै के सहारे से आगे बढ़ना है
कष्ट ना पाए कोई दुखियारा
आओ अपने हाथों से देश बनाना है ।
बच्चा – बच्चा समझे अपनी जिम्मेदारी
गाँव-गली में अनपढ़ रहे न कोई
शिक्षा की अलख जगाने को
आओ मिलकर ज्योत से ज्योत जलाना है ।
जागो रे ……………………..!
जन- जन को राष्ट्र हित में आना है
कुरीतियों को मिल जड़ से मिटाना है
विकाश की गंगा बहाने की खातिर
बस्ती – बस्ती सेवा की अलख जगाना है ।
जागो रे ……………………!
अपनी ताकत को तुम पहचानों
आओ सेवा की मशाल जलाएं
युवा-शक्ति के हाथों देश बदलने
“नाचीज़” युवा-युवतियों को जगाना है ।
जागो रे ………………….!!!





