Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Jitendra_Kabir, poem

यह अवश्यंभावी है-जितेन्द्र ‘कबीर’

यह अवश्यंभावी है जिस समाज में कलाकारोंका समर्पणकला की उत्कृष्टता के लिए कमऔर उससे होने वालीकमाई व शोहरत पर ज्यादा …


यह अवश्यंभावी है

यह अवश्यंभावी है-जितेन्द्र 'कबीर'

जिस समाज में कलाकारों
का समर्पण
कला की उत्कृष्टता के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व शोहरत पर ज्यादा हो,
वहां कला का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है।
जिस समाज में खिलाड़ियों
का समर्पण
खेल की उत्कृष्टता के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व शोहरत पर ज्यादा हो,
वहां खेलों का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है
जिस समाज में नौकरशाहों
का समर्पण
लोगों की सेवा के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व रुतबे पर ज्यादा हो,
वहां जनसेवा का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है।
जिस समाज में राजनीतिज्ञों
का समर्पण
देश की उत्कृष्टता के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व रुतबे पर ज्यादा हो,
वहां राजनीति का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है।

जितेन्द्र ‘कबीर’
यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।
साहित्यिक नाम – जितेन्द्र ‘कबीर’
संप्रति-अध्यापक
पता – जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र – 7018558314


Related Posts

कविता क्या हुआ आज टूटा है इंसान

October 28, 2023

क्या हुआ आज टूटा है इंसान क्या हुआ जो आज बिखरा है इंसानक्या हुआ जो आज टूटा हुआ है इंसानअरे

कविता – याद करती हो?

October 28, 2023

याद करती हो? सुनो दिकु…. क्या आज भी तुम मुज़े याद करती हो?मेरी तरह क्या तुम भी, आँखें बंदकर मुज़

गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।।

October 22, 2023

गीत नया गाता हूं गीत नया गाता हूं।। 1-निश्चय निश्चित निष्छल काल दौर स्वीकारता कर्तव्य परम्परा के दायरे में सिमटना

Kavita : Virasat | विरासत

October 19, 2023

विरासत युद्ध और जंग से गुजरतेइस दौर में – सड़कों पर चलतेएंटी माइनिंग टैंकों औरबख्तरबंद गाड़ियों की आवाज़ों के बीच-

Kavita : ओ मेरी हिंदी

October 19, 2023

 ओ मेरी हिंदी मेरी हिंदी मुझे तुम्हारे अंतस् मेंमाँ का संस्कार झलकता हैक्योंकि तू मेरी माँअर्थात् मातृभाषा हैऔर मातृभाषा- मातृभूमि

Kavita on navratri

October 19, 2023

 नवरात्रि सुनो दिकु….. नौ दिन नवरात्रि केहमारे जीवन में आनंद लेकर आते हैज़िंदगी को जुमकर कैसे जिया जाता हैगरबा और

PreviousNext

Leave a Comment