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मीठे वचन

kanchan chauhan, poem

मीठे वचन | meethe vachan

मीठे वचन मीठे वचन सभी को प्यारे मीठे वचन सदा ही बोलो। मीठे वचन हैं बहुत सुहाते, कानों में मिश्री …


मीठे वचन

मीठे वचन सभी को प्यारे
मीठे वचन सदा ही बोलो।
मीठे वचन हैं बहुत सुहाते,
कानों में मिश्री सी घोले।
कड़वे वचन होते हैं कर्कश,
दिल को छलनी करते हैं।
इनके घाव कभी नहीं भरते,
यादों में सदा ताज़ा रहते हैं।
सोच समझकर सदा ही बोलो,
इसलिए तो सब कहते हैं।
मीठे वचन सभी को प्यारे,
मन को खुश कर देते हैं।
बात अगर कड़वी हो फिर भी,

शब्दों का चयन जरूरी है।
शब्दों के तीर हैं बड़े गम्भीर,
ये तीर ना लौटा करते हैं।
शब्दों से घायल मन के घाव,
यादों में सदा ही ताजा रहते हैं।
नापतोल कर सदा ही बोलो,
शब्दों में वजन बड़ा भारी।
शब्दों की ताकत पहचानो,
पलट सकते हैं दुनिया सारी।
मीठे वचन सभी को भाते,
है इनकी बात बड़ी न्यारी,
मीठे वचन सदा ही बोलो,
इन वचनों में बल है भारी।

About author

कंचन चौहान,बीकानेर

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