Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

lekh, Tamanna_Matlani

मातृ दिवस के उपलक्ष में लेख (Mother’s day special)

नन्हीं कड़ी में…… आज की बात माँ तो माँ ही है…. माँ, इस एक शब्द में सारी दुनिया का सार …


नन्हीं कड़ी में……
आज की बात

माँ तो माँ ही है….

मातृ दिवस के उपलक्ष में लेख (Mother's day special)

माँ, इस एक शब्द में सारी दुनिया का सार समाया हुआ है। ईश्वर हर जगह पर उपस्थित है, यह हमने सुना और पढ़ा जरूर है पर देखा नहीं है पर कोई मुझसे यह पूछे कि तुमने ईश्वर को देखा है? तो इस सरल से प्रश्न का उत्तर है हां, मैंने ईश्वरीय स्वरूप में अपनी माँ को हर मुश्किल घड़ी में अपने साथ जरूर खड़े देखा है। यह प्रश्न सिर्फ मेरे लिए ही नहीं है यह प्रश्न हम सभी के लिए है। इस प्रश्न का जैसा सरल उत्तर मेरा है वैसा ही हम सभी का भी जरूर होगा। हम सभी अपनी ममतामयी मां को हर मुश्किल घड़ी में ईश्वरीय साये के रूप में हमेशा अपने साथ में अवश्य ही महसूस किया होगा।
आखिर क्यों माँ को ईश्वरीय दर्जा दिया जाता है? इसका सीधा और सरल जवाब है कि ” वह माँ ही होती है जो अपने बच्चों को अपने पेट में नौ महीने जगह देकर अपने एक-एक कतरे खून से एक किसान की तरह अपने बच्चों का पोषण करती है। जिस प्रकार ईश्वर इस सृष्टि के रचयिता हैं, ठीक वैसे ही हमारी रचना भी हमारी मां ने उसी प्रकार से ही की है। वह मां ही है जो अपने बच्चों की हर एक जरूरत, सुख और दुख को आसानी से समझ लेती है और उसे पूरा करने के लिए अपना सर्वस्त्र न्यौछावर करने में भी एक पल की देरी नहीं करती।”
भगवान हर जगह साकार रूप में माँ के रूप में ही रहते हैं। स्वयं भगवान ने भी माँ का स्नेह पाने के लिए बारंबार इस धरती पर जन्म लिया है।
मैंने कभी ईश्वर को तो नहीं देखा है और न ही देखने की तमन्ना है , क्योंकि मेरी माँ का आशीर्वाद रूपी हाथ और स्नेहमयी स्पर्श ईश्वर के ही रूप में आज भी मेरे साथ है और उनके इस स्पर्श में ही मुझे ईश्वर के अक्स की अनुभूति हर क्षण होती रहती है। आप सभी ने भी ईश्वरीय रूप में अपनी माँ को हर पल अपने साथ में अवश्य महसूस किया होगा।
आज के इस विशेष मातृ दिवस पर अंत में बस इतना ही कहूँगी कि….

मां ! ओ मेरी प्यारी मां…..

मां ! ओ मेरी प्यारी मां
हर सुख-दुख को
समझने वाली,
अपने ही गोद में
प्रेम से सुलाने वाली,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां…..

मेरी मां ने जब मुझे
दी थपकी प्यार से,
सब सुखों से
भरती रही मेरी झोली,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां…..

जीवन में हमेशा
मुझे आगे बढ़ना सिखाया, अपनी तकलीफ को
कभी नहीं बताया,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां…..

जिम्मेदारियों से
हमेशा बंधी रही,
दिन-भर सबकी
तमन्ना पूरी करती रही,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां…..

तेरे दिये संस्कारों का
ना है मोल कोई,
तुझ जैसा संसार में
ना है अमोलक कोई,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां……

तेरी ही छत्रछाया में
मेरा न कुछ कभी बिगड़ा,
तेरी ही आशीष से
हर विपदा का मुख मुड़ा,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां……

ऐसा क्या करूं मैं
ओ मेरी मां……?
जिससे बना रहे,
साथ सदा तेरा,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां…..

तेरी कमी ना
पूरी कर सके कोई,
तुझ जैसा तो इस
दुनिया में ना है दूजा कोई,
मां ! ओ मेरी प्यारी मां….
         हर ममतामयी माँ को समर्पित….

About author

Tamanna matlani

तमन्ना मतलानी

गोंदिया(महाराष्ट्र) 


Related Posts

Lekh man ki hariyali by sudhir Srivastava

July 31, 2021

 लेखमन की हरियाली, लाए खुशहाली     बहुत खूबसूरत विचार है ।हमारे का मन की हरियाली अर्थात प्रसन्नता, संतोष और

Lekh by kishan sanmukh das bhavnani

July 31, 2021

 सत्य वह दौलत है जिसे पहले खर्च करो, जिंदगी भर आनंद पाओ- झूठ वह कर्ज़ है, क्षणिक सुख पाओ जिंदगी

janmdin jeevanyatra by Maynuddin Kohri

July 25, 2021

जन्मदिन —- जीवनयात्रा  आजादी के बाद के काले बादल छट जाने के बाद देश मे अमन चैन,गणतन्त्र भारत की सुखद

Guru govind dono khade kako lagu paye by jayshri birmi

July 23, 2021

गुरु गोविंद दोनो खड़े काको लागू पाए अपने देश में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा कहा गया है।

Naari gulami ka ek prateek ghunghat pratha by arvind kalma

July 23, 2021

नारी गुलामी का एक प्रतीक घूंघट प्रथा भारत में मुगलों के जमाने से घूँघट प्रथा का प्रदर्शन ज्यादा बढ़ा क्योंकि

OTT OVER THE TOP Entertainment ka naya platform

July 23, 2021

 ओटीटी (ओवर-द-टॉप):- एंटरटेनमेंट का नया प्लेटफॉर्म ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मीडिया सेवा ऑनलाइन सामग्री प्रदाता है जो स्ट्रीमिंग मीडिया को एक स्टैंडअलोन

Leave a Comment