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भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक-आईएनएस इंफाल

विध्वंसक आईएनएस इंफाल-जल्मेव यस्य बल्मेव तस्य भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक-आईएनएस इंफाल समुद्री व्यापार सर्वोच्च ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचाने …


विध्वंसक आईएनएस इंफाल-जल्मेव यस्य बल्मेव तस्य

भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक-आईएनएस इंफाल

भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक-आईएनएस इंफाल

समुद्री व्यापार सर्वोच्च ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचाने व समुद्री मार्ग को सुरक्षित रखने में आईएनएस इंफाल मील का पत्थर साबित होगा-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर हर क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रौद्योगिकी विकास,चीन सहित भिन्न देशों पर घटती निर्भरता और हर क्षण बढ़ते निर्यात को पूरी दुनियां की हसरत भरी नजरों से देखकर विश्वास हो चुकी है कि भारत को अब आत्मनिर्भर बनने से कोई शक्ति रोक नहीं सकती और भारत अपने विजन 2047 पूर्ण विकसित राष्ट्र को उसकेडेडलाइन के पहले ही अपने लक्ष को प्राप्त करने प्राप्त कर विश्व गुरु बनने में सफल हो जाएगा, जिसका इशारा आज गोवा से भारतीय नवसेना में शामिल विध्वंसक आईएनएस इंफाल बेड़े से मिल गया है। वैसे भी भारत हिंद महासागर क्षेत्र में नेट सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभाता रहा है, अब मित्र देशों के साथ मिलकर समुद्री मार्ग को सुरक्षित रख सकेंगे ताकि हमारा वैश्विक व्यापार सुरक्षित और तेजी से बढ़ सके और अर्थव्यवस्था बुलंदियां छुए और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए भारत विकसित राष्ट्र बनकर विश्व गुरु बनने की अभिलाषा पूर्ण करें। इसी और अभी बढ़ते, संपूर्ण आतंक, लाल सागर में बढ़ते हूती विद्रोहियों का आतंक, चीन की समुद्री दादागिरी,व्यापारिकजहाज के प्लूटो, साइन बाबा पर हमलों के आरोपियों को अब जल्द कटघरे में लाना आसान हो जाएगा क्योंकि आईएनएस इंफाल जलमेव यस्य, बलमेव तस्य यानी जो समुद्र को नियंत्रित करता है वह सर्वशक्तिमान होता है, जिसे हम सशक्त बनाएंगे। इसलिए आज हम मीडिया पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, समुद्री व्यापार सर्वोच्च ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचाने व समुद्री मार्ग को सुरक्षित रखने में आईएनएस इंफाल मील का पत्थर साबित होगा।
साथियों बात अगर हम आईएनएस इंफाल की करें तो यह एक प्रोजेक्ट 15 बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक, को आज (26 दिसंबर, 2023) नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई में आयोजित एक आकर्षक समारोह में रक्षा मंत्री कीउपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। यह आयोजन चार स्वदेशी विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसकों में से तीसरे को औपचारिक रूप से शामिल किए जाने को चिन्हित करता है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई द्वारा निर्मित किया गया है। इस जहाज की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर है और यह 7,400 टन का विस्थापन करता है। आईएनएस इम्फाल, भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से, एक है। यह संयुक्त गैस और गैस विन्यास में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है,और यह 30 नॉट्स से भी अधिक की गति करने में सक्षम है।
साथियों बात अगर हम इंफाल को नौसेना में शामिल होने पर माननीय रक्षा मंत्री के संबोधन के करें तो,इस अवसर पर बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने आईएनएस इम्फाल को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का एक चमकदार उदाहरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय नौसेना, एमडीएल और अन्य सभी हितधारकों की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया।आईएनएस इंफाल भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति का प्रतीक है और यह इसे और मजबूत करेगा। यह भारत-प्रशांत क्षेत्र में जलमेव यस्य, बलमेव तस्य (जो समुद्र को नियंत्रित करता है, वह सर्वशक्तिमान है) के हमारे सिद्धांत को मजबूत करेगा। रक्षा मंत्री ने आईएनएस इम्फाल को राष्ट्र की विभिन्न शक्तियों के समूह के रूप में परिभाषित किया। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने इस जहाज पर ब्रह्मोस मिसाइल स्थापित की है। टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के हैं। रैपिड गन माउंट भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) द्वारा स्थापित किया गया है, और मध्यम दूरी की मिसाइलें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा स्थापित की गई हैं। इसके अलावा, कई स्टार्ट-अप और एमएसएमई इसके निर्माण में शामिल हैं। जैसे कई तत्वों ने आईएनएस इम्फाल को एक ठोस रूप दिया है, वैसे ही हमें विकसित भारत बनाने के लिए सभी क्षेत्रों के लोगों को मिलकर काम करना चाहिए। प्रत्येक नागरिक भारत की सुरक्षा और प्रगति का वाहक है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई काम करता है, तो उसको राष्ट्र की भलाई को ध्यान में रखना चाहिए। रक्षा मंत्री ने अरब सागर में व्यापारिक जहाज (एमवी) केम प्लूटो पर हाल ही में हुए संदिग्ध ड्रोन हमले और लाल सागर में एमवी साईं बाबा पर हुए हमले का भी उल्‍लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक शक्ति ने कुछ ताकतों में ईर्ष्या और नफरत भर दी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हमलों को बहुत गंभीरता से लिया है और नौसेना ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन हमलों के अपराधियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण पर समान जोर देने के सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि पहले की सरकारें केवल देश को भूमि आधारित खतरों से बचाने पर ध्यान केंद्रित करती थीं। उन्होंने बताया कि उत्तर में हिमालय और पश्चिम में पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण व्यवहार के कारण, भारत का अधिकांश माल व्यापार समुद्र के माध्यम से होता है, जो इसे व्यापार के दृष्टिकोण से एक द्वीप देश बनाता है। उन्होंने नौसेना की क्षमताओं को लगातार विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया,क्योंकि भारत के राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने के लिए वैश्विक व्यापार बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, भारत पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में एक नेट सुरक्षा प्रदाता की भूमिका निभाता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस क्षेत्र में समुद्री व्यापार नई ऊंचाइयों को छुए। इसके लिए हम अपने मित्र देशों के साथ मिलकर समुद्री मार्गों को सुरक्षित रखेंगे। हमें अपनी नौसेना की क्षमता और ताकत पर पूरा भरोसा है। साथियों बात अगर हम माननीय एडमिरल के संबोधन की करें तो, उन्होंने बताया कि व्यापारिक जहाजों पर समुद्री डकैती और ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए, भारतीय नौसेना ने प्रोजेक्ट 15बी और 15ए श्रेणी के चार विध्वंसक तैनात किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन खतरों का मुकाबला करने के लिए, पी8I विमान, डोर्नियर्स, सी गार्डियन, हेलीकॉप्टर और तटरक्षक जहाज सभी को संयुक्त रूप से तैनात किया गया है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि नौसेना का लक्ष्य देश के प्रत्येक जिले, प्रत्येक ब्लॉक और प्रत्येक गांव से कम से कम एक अग्निवीर को शामिल करना है। उन्होंने कहा, रणनीति है कि देश के हर कोने से युवाओं- पुरुषों और महिलाओं-को आकर्षित करना, सेवा में रहने के दौरान उन्हें कुशल बनाना, शिक्षा संस्थानों के माध्यम से उनकी क्षमताओं को प्रमाणित करना, राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना और यह सुनिश्चित करना कि वे नौसेना में अपनी नौकरी के बाद असैनिक क्षेत्र में फिर से एक बहुत उपयोगी व्यक्ति के रूप में शामिल हो सकें। हमारा लक्ष्य ऐसे राष्ट्रवादी कार्यबल को पूरे देश में फैलाना है।आईएनएस इंफाल ने स्टील्थ विशेषताओं को बढ़ाया है, जिसके परिणामस्वरूप रडार क्रॉस सेक्शन कम हो गया है, जो हल के कुशल आकार, पूर्ण बीमसुपरस्ट्रक्चर डिजाइन, प्लेटेड मस्तूल और खुले डेक पर रडार पारदर्शी सामग्री के उपयोग के माध्यम से हासिल किया गया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, पनडुब्बी रोधी युद्ध रॉकेट लॉन्चर और टॉरपीडो लॉन्चर, एएसडब्ल्यू हेलीकॉप्टर, रडार, सोनार तथा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली सहित उन्नत एवं जटिल अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है। यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध की स्थितियों में लड़ने के लिए सुसज्जित है।इस जहाज की एक अनूठी विशेषता इसके लगभग 75 प्रतिशत के उच्च स्तर का स्वदेशीकरण है, जो पीएम के नेतृत्व वाली सरकार के आत्मनिर्भर भारत की कोशिशें को उजागर करता है। स्वदेशी उपकरणों/प्रणालियों में कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रॉकेट लॉन्चर, टॉरपीडो लॉन्चर, एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली, ऑटोमेटेड पावर मैनेजमेंट सिस्टम, फोल्डेबल हैंगर डोर्स, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन हथियार प्रणाली और बो-माउंटेड सोनार शामिल हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि विध्वंसक आईएनएस इंफाल- जल में यस्य बल्मेव तस्य।भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक आईएनसी इंफाल।समुद्री व्यापार सर्वोच्च ऊंचाइयों के शिखर तक पहुंचाने व समुद्री मार्ग को सुरक्षित रखने में आईएनएस इंफाल मील का पत्थर साबित होगा।

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कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 

किशन सनमुख़दास भावनानी 

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