Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Dr_Madhvi_Borse, poem

पर्यावरण का संरक्षण!

पर्यावरण का संरक्षण! अद्भुत सी सुंदरता है पर्यावरण में,चलो हम भी लाए, कुछ जिम्मेदारियां हमारे आचरण में,क्यों फैला रखा है …


पर्यावरण का संरक्षण!

पर्यावरण का संरक्षण!
अद्भुत सी सुंदरता है पर्यावरण में,
चलो हम भी लाए, कुछ जिम्मेदारियां हमारे आचरण में,
क्यों फैला रखा है हमने चारों तरफ प्रदूषण,
मानवता की भलाई के लिए जरूरी है इसका संरक्षण!

चलो हम सब मिलकर करते हैं वृक्ष रोपण,
और फिर से महका देते हैं, सारा वातावरण,
इसका विनाश का कैसे बन सकते हैं हम कारण,
इसके बिना तो, समाप्त हे हमारा जीवन!

प्रकृति से ही तो है हमारा, घनिष्ठ संबंध,
इसके लिए बनाते हैं हम, और भी अधिनियम,
हमें यह देती है, वायु, जल, ऑक्सीजन व भोजन,
चलो हम सब मिलकर करते हैं, प्रदूषण पर नियंत्रण!

करते हैं हम सब मिलकर, इस खूबसूरत सी प्रकृति को नमन,
इस प्रकृति में, हर पदार्थ शुद्ध हो, चाहे वायु हो या चमन,
क्यों फैला रखा है हमने चारों तरफ प्रदूषण,
मानवता की भलाई के लिए जरूरी है इसका संरक्षण!
मानवता की भलाई के लिए जरूरी है इसका संरक्षण!

डॉ. माध्वी बोरसे !
रावतभाटा (कोटा) राजस्थान !
( स्वरचित व मौलिक रचना)


Related Posts

kavitaon ke aor by priya gaud

June 27, 2021

 “कविताओं के ओर” खोजें नही जाते कविताओं और कहानियों के ओर ये पड़ी रहती है मन के उस मोड़ पर 

Kabir par kavita by cp gautam

June 27, 2021

कबीरदास पर कविता  होश जब से सम्भाला , सम्भलते गयेआग की दरिया से निकलते गयेफेंकने वाले ने फेंक दिया किचड़

poem on village in hindi | गांव पर कविता

June 27, 2021

कविता-देखो कितने गांव बदल गए…। हर देहात के ताव बदल गए,देखो कितने गांव बदल गए। कुआ बाबड़ी ,पानी भूले ,देखो

kavita banabatta by dr hare krishna

June 27, 2021

 बाणभट्ट बाणभट्ट की विद्वता का भूषण को उपहार मिला है पिता पुत्र की रचनाओं पर लिखने का अधिकार नहीं है

kavita ambar ka dheraj tut gaya by anita sharma

June 23, 2021

कविता  आज धरती का दुख देख-देख। अम्बर का धीरज टूट गया। भीग गयी अंखिया अम्बर की। बरस गये अश्रु बादल

bal shramik diwas par kavita by anita sharma

June 23, 2021

 बाल श्रमिक दिवस परकविता  कितनी मजबूर जिन्दगी , मासूम उम्र में मेहनत करते। कचरा बीनने को मजबूर , कितने मैले

Leave a Comment