Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel
नये युग का निर्माण करो

kanchan chauhan, poem

नये युग का निर्माण करो | naye yug ka nirmaan karo

नये युग का निर्माण करो नारी तुम निर्मात्री हो, दो कुलों की भाग्य विधात्री हो। सृजन का है अधिकार तुम्हें, …


नये युग का निर्माण करो

नारी तुम निर्मात्री हो,
दो कुलों की भाग्य विधात्री हो।
सृजन का है अधिकार तुम्हें,
तुम ही जीवन धात्री हो।
तुमसे ही उत्पन्न ये सृष्टि है।
ममता और प्यार की मूरत तुम,
धरती पर भगवान की सूरत तुम।
तुम से ही जीवन सुखमय है,
जीवन का सार, आधार तुम्हीं।
तुम से ही जीवन खुशहाल सबका,
घर की सुख और समृद्धि तुम।
अपनों के लिए ढाल हो तुम,
दुश्मन के लिए तलवार हो तुम।निर्माण या विनाश है तुम्हारे हाथ,
कुछ नहीं असम्भव तुम्हारे लिए,
सब सम्भव तुम कर सकती हो।
नारी तुम बिल्कुल सक्षम हो,
जब दृढ़ निश्चय तुम कर लेती हो,
जो चाहे तुम कर सकती हो।
नारी तुम निर्मात्री हो,
अब नये युग का निर्माण करो।
चुप रह कर ना अत्याचार सहो,
सही और ग़लत की पहचान करो।
लाचार नहीं, तुम सक्षम हो,
एक नये युग का आगाज़ करो।
नारी तुम निर्मात्री हो,
अब नये युग का निर्माण करो।

About author

कंचन चौहान,बीकानेर

Related Posts

मां है घर आई

October 14, 2023

मां है घर आई मां है घर आई चहुं दिग खुशियां छाईं झूम उठा है कण-कण माटी का हर चेहरे

कविता – बस आ जाओ

October 14, 2023

कविता  : बस आ जाओ सुनो दिकु….. मुज़ से कोई खता हुई है, तो बता दो ना रुख से अपने

ये अंधेरी रात| kavita: ye Andheri rat by veena adavani

October 9, 2023

ये अंधेरी रात ये तंहाई भरी अंधेरीगहरी काली रातहमे डराते हैं।। ये उमड़े घुमड़ते बादलदेख हम अक्सर कितनाडर जाते हैं।।

Kavita :बेशुमार इश्क | Beshumar ishq

October 8, 2023

बेशुमार इश्क सुनो दिकु…… मेरी यह बेकरारी, मेरा ये जुनूनवो मेरी तड़पन, बन्द आखों में  तुम्हारी गोद में सर रखने

करवा चौथ पर कविता

October 6, 2023

करवा चौथ भूख नहीं लगती है स्त्री को, करवाचौथ निभाने में,चाहे कितनी देर लगा ले चाँद आज नज़र आने में,उम्र

कविता –रौंद मुझे हंसने वाले

October 6, 2023

रौंद मुझे हंसने वाले मेरे लबों कि मुस्कुराहट लगता अब तो जैसे कहीं खो गई।यूं लगे मुझको की मेरी कलम

PreviousNext

Leave a Comment