Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

दो महा शक्तियों की बातचीत!!

 दो महा शक्तियों की बातचीत!!  क्वाड शिखर सम्मेलन टोक्यो 2022 – क्वाड से लेकर हिंद प्रशांत तक दोनों भावी खेमों …


 दो महा शक्तियों की बातचीत!! 

क्वाड शिखर सम्मेलन टोक्यो 2022 – क्वाड से लेकर हिंद प्रशांत तक दोनों भावी खेमों में भारत केंद्रीय भूमिका में दिखाई दे रहा 

भारत की वैश्विक मंचों पर बढ़ती केंद्रीय भूमिका, प्रशंसा, सफलता, प्रतिष्ठा नें भारत को महाशक्ति की कतार में खड़ा किया – एड किशन भावनानी

एड किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर आज भारत जिस रफ्तार से वैश्विक मंचों पर अपनी धमाकेदार उपस्थिति दर्ज करवा रहा है और भारत द्वारा कोरोना महामारी में किए गए सफल प्रबंधन, वैक्सीनेशन, वैक्सीन निर्माण, रूस यूक्रेन युद्ध स्थगन की पहल, आतंकवाद से निपटने का जज्बा, सफल विदेश नीति सहित अनेक खूबियों और सफल प्रबंधन की वैश्विकस्तर पर भारी प्रशंसा तथा विश्व शक्तियों के साथ ही दुनिया के सबसे शक्तिशाली शक्स अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा भी भारत की प्रशंसा की गई जो रेखांकित करने वाली बात है। साथियों बात अगर हम दो महा शक्तियों भारत के पीएम और अमेरिका के राष्ट्रपति की बातचीत की करें तो, दोनों नें द्विपक्षीय बैठक में ये भी कहा कि, पीएम के नेतृत्व में भारत लोकतांत्रिक हितों को ध्यान में रखकर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत मिलकर बहुत कुछ कर सकता हैं, और हम करेंगे भी। बाइडेन ने कहा कि, मैं पृथ्वी पर हमारे सबसे करीबी के बीच अमेरिका-भारत साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। कई क्षेत्रों में बढ़ रहा है दोनों देशों के बीच सहयोग, अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान पीएम ने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी सही मायने में विश्वास पर आधारित साझेदारी है। मुझे विश्वास है कि हमारे बीच इंडिया यूएसए इन्वेस्टमेंट इंसेंटिव एग्रीमेंट से निवेश की दिशा में मजबूत प्रगति देखने को मिलेगी। हम टेक्नॉलॉजी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर भी आपसी समन्वय कर रहे हैं। 

साथियों बात अगर हम विदेश नीति में छोटी-छोटी बातों के माइनों की करें तो, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार विदेश नीति में छोटी सी मुस्कान के बड़े मायने होते हैं। और अगर यह मुस्कान दुनिया के सबसे शक्तिशाली शख्स के चेहरे पर तैर जाए, तो इसके अर्थ कई निकलते हैं। जापान की राजधानी टोक्यो में द्विपक्षीय वार्ता से पहले भारतीय पीएम और अमेरिका राष्ट्रपति दोनों वैश्विक महाशक्तियां आमने-सामने बैठे थे। साथ में द्विभाषिए भी थे। संवाद शुरू हुआ। बाइडन ने पहले बोलना शुरू किया। और क्रूर रूस का जिक्र कर बाइडन ने एक रहस्यमय मुस्कान सामने बैठे हमारे पीएम की तरफ निहारी।

हम आम दिनों में इसे एक सामान्य सा हाव-भाव कहकर नजरंदाज कर सकते हैं। लेकिन जापान में जो मंच सजा है, वहां हर चीज के गहरे मायने हैं। कई अर्थ हैं। यूक्रेन और चीन पर दुनिया के स्थापित समीकरण बदल गए हैं। टोक्यो में दो दिन के अंदर, क्वाड से लेकर हिंद-प्रशांत तक, दुनिया के भावी खेमे तय कर लिए गए हैं। और दोनों में भारत केंद्रीय भूमिका में दिखाई दे रहा है। 

साथियों समझा जाता है कि समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप (आईपीईएफ) के माध्यम से अमेरिका यह संदेश देना चाहता है कि वह इस क्षेत्र में चीन की आक्रामक कारोबार नीति का मुकाबला अपनी मजबूत आर्थिक नीति को आगे बढ़ाकर करना चाहता है।

दरअसल बाइडन की इस मुस्कुराहट के साथ उनके शब्दों में भी भारत के लिए संदेश छिपा है। उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच धरती की दूरी को खत्म करने देने का दम भरा। बाइडन ने कहा, ‘हम यूक्रेन में रूस के अनुचित और क्रूर युद्ध पर भी चर्चा करेंगे। इसका असर पूरे विश्व पर पड़ रहा है। इसमें हम बहुत बारीकी के साथ निरंतर परामर्श करते रहेंगे। हम इस पर विचार करेंगे कि इसका प्रभाव किस प्रकार कम किया जा सकता है। मैं अपनी बातचीत के लिए बहुत उत्सुक हूं। हम दोनों देश बहुत कुछ कर सकते हैं और मिलकर करेंगे। मेरी यह प्रतिबद्धता है कि मैं भारत और अमेरिका की साझेदारी को इस धरती पर बहुत नजदीकी बना दूं। 

साथियों बात अगर हम क्वाड नेताओं के दिनांक 24 मई 2022 के संयुक्त बयान की करें जो पीआईबी के अनुसार उन्होंने कहा अपने बीच और अपने भागीदारों के साथ, हम संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय संस्थानों में अपने सहयोग को गहरा करेंगे, जहां बहुपक्षीय प्रणाली के लचीलेपन को सुधारने और बढ़ाने के लिए हमारी साझा प्राथमिकताओं को मजबूत करने की आवश्यकता है। व्यक्तिगत रूप से और एक साथ, हम अपने समय की चुनौतियों का जवाब देंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह क्षेत्र समावेशी, खुला और सार्वभौमिक नियमों और मानदंडों द्वारा नियंत्रित है।

क्वाड क्षेत्र में भागीदारों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है जो एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण को साझा करते हैं। हम, आसियान एकता और केन्द्रीयता के लिए तथा इंडो-पैसिफि‍क पर आसियान दृष्टिकोण के व्यावहारिक कार्यान्वयन के लिए अपने अटूट समर्थन की पुष्टि करते हैं। हम, इंडो-पैसिफि‍क में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ की रणनीति पर यूरोपीय संघ की संयुक्त सूचना का स्वागत करते हैं, जिसकी घोषणा सितम्‍‍बर 2021 में की गई थी और इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यूरोपीय वचनबद्धता में वृद्धि हुई थी। हम, विशेष रूप से समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) और नौवहन तथा ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता बनाए रखने के रूप में, पूर्वी और दक्षिणी समुद्र सहित नियम आधारित समुद्री चुनौतियों का मुकाबला करनेके लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून का पालन करेंगे। हम किसी भी प्रकार की बलपूर्वक, उत्तेजक या एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं जो यथास्थिति को बदलने और क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की कोशिश करती है, जैसे कि विवादित सुविधाओं का सैन्यीकरण, तटरक्षक जहाजों और समुद्री मिलिशिया का खतरनाक उपयोग तथा अन्य देशों के समुद्र तट से दूर संसाधनों के दोहन को बाधित करने के प्रयास करे। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दो महा शक्तियों की सफल बातचीत हुई। क्वाड शिखर सम्मेलन टोक्यो 2022 क्वाड से लेकर हिंद प्रशांत तक दोनों भावी खेमों में भारत केंद्रीय भूमिका में दिखाई दे रहा है। भारत की वैश्विक मंचों पर बढ़ती केंद्रीय भूमिका, प्रशंसा, सफलता, प्रतिष्ठा ने भारत को महाशक्ति की कतार में खड़ा किया है।

संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


Related Posts

Lekh aa ab laut chalen by gaytri bajpayi shukla

June 22, 2021

 आ अब लौट चलें बहुत भाग चुके कुछ हाथ न लगा तो अब सचेत हो जाएँ और लौट चलें अपनी

Badalta parivesh, paryavaran aur uska mahatav

June 12, 2021

बदलता परिवेश पर्यावरण एवं उसका महत्व हमारा परिवेश बढ़ती जनसंख्या और हो रहे विकास के कारण हमारे आसपास के परिवेश

lekh jab jago tab sawera by gaytri shukla

June 7, 2021

जब जागो तब सवेरा उगते सूरज का देश कहलाने वाला छोटा सा, बहुत सफल और बहुत कम समय में विकास

Lekh- aao ghar ghar oxygen lagayen by gaytri bajpayi

June 6, 2021

आओ घर – घर ऑक्सीजन लगाएँ .. आज चारों ओर अफरा-तफरी है , ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का

Awaz uthana kitna jaruri hai?

Awaz uthana kitna jaruri hai?

December 20, 2020

Awaz uthana kitna jaruri hai?(आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ?) आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ये बस वही समझ सकता

azadi aur hm-lekh

November 30, 2020

azadi aur hm-lekh आज मौजूदा देश की हालात देखते हुए यह लिखना पड़ रहा है की ग्राम प्रधान से लेकर

Previous

Leave a Comment