Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Jayshree_birmi, story

कहानी-वैधुर्य

 वैधुर्य  आज रामी ने अपने बहु बेटे को अलग से अपना घर बसाने का कह दिया।बेटा जीगू ने अपने बापू …


 वैधुर्य

जयश्री बिरमी अहमदाबाद

 आज रामी ने अपने बहु बेटे को अलग से अपना घर बसाने का कह दिया।बेटा जीगू ने अपने बापू की शक्ल भी नहीं देखी थी वह बहुत ही छोटा था जब उसके पिता की गर्दन तोड़ बुखार में मौत हो गई थी।उसको बड़े ही प्यार से उसकी मां रामी ने पाला पोसा था।

 जब वह बड़ा हो गया तो उसकी शादी सोमी से हो गई थी।सोमी एक सुंदर व समझदार लड़की थी।सिर्फ एक बार ही उसके पति जीगु ने उसे मां का खयाल रखने लिए बोला था।तब से सिर्फ एक ही ध्येयवथा सोमी का,उसकी सास का खयाल रखना। जिगु हैरान था कि उसकी मां ने क्यों उसे अलग घर में रहने के लिए बोल रही हैं।

 कई बार उसने रामी को पूछा लेकिन वह बड़े प्यार से उसे जवाब देती थी ,उसकी आवाज में कोई नाराजगी नहीं दिखी।वह

ईसी लिए ही ज्यादा परेशान था।उसने अपनी बुआ के सामने ये बात रखी और उन्हें फुरसत में रामी से मिलने की बात भी की।

   जब बुआ आई तो रामी ने बड़े ही प्यार से आवकार दिया और साथ में खाना खा कर दोनों लेट के बातें कर रही थी तब बुआ ने ये बात रखी,”रामी क्यों बेटे बहु को अलग मकान में भेज रही हो? वह तो तुम्हे जान से प्यारा हैं।बहु से नाराज हो क्या?”

रामी पहले तो चुप रही किंतु फिर बोली,” क्या करू 22 साल का पति का विछोह तो उसने बिना विचलित हुए काट लिया ,लेकिन जब बेटा बहु उपर के कमरे में होते हैं और जो मस्ती आदि करने की आवाजे आती हैं तो तुम्हारे भाई के साथ बितायें पल मुझे बहुत ही विचलित कर देते हैं।बस यही कारण हैं।”

 बुआ भी समझ गई और सच्चाई जान कर चुप हो सोचने लगी।कुछ दिन रह के वह जा रही थी तो भतीजे को पास में बुला कर बस इतना ही कहा,” जो रामी कहे रही हैं वैसा ही कर लो।”

जयश्री बिरमी

अहमदाबाद


Related Posts

कहानी: दुपट्टे की गाँठ

कहानी: दुपट्टे की गाँठ

July 28, 2025

कभी-कभी ज़िंदगी के सबसे बड़े सबक किसी स्कूल या किताब से नहीं, बल्कि एक साधारण से घर में, एक सादी-सी

कहानी-कहाँ लौटती हैं स्त्रियाँ

कहानी-कहाँ लौटती हैं स्त्रियाँ

July 24, 2025

कामकाजी स्त्रियाँ सिर्फ ऑफिस से नहीं लौटतीं, बल्कि हर रोज़ एक भूमिका से दूसरी में प्रवेश करती हैं—कर्मचारी से माँ,

कहानी – ठहर गया बसन्त

कहानी – ठहर गया बसन्त

July 6, 2025

सरबतिया …. ओ ..बिटिया सरबतिया…….अपनी झोपड़ी के दरवाज़े  के बाहर ,बड़ी हवेली हवेली वाले  राजा ठाकुर के यहाँ काम करने

दीपक का उजाला

दीपक का उजाला

June 10, 2025

गाँव के किनारे एक छोटा-सा स्कूल था। इस स्कूल के शिक्षक, नाम था आचार्य देवदत्त, अपने समय के सबसे विद्वान

Story parakh | परख

Story parakh | परख

December 31, 2023

 Story parakh | परख “क्या हुआ दीपू बेटा? तुम तैयार नहीं हुई? आज तो तुम्हें विवेक से मिलने जाना है।”

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी | bad time story

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी | bad time story

December 30, 2023

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी “मैं पूरे दिन नौकरी और घर को कुशलता से संभाल सकती हूं तो क्या अपने बच्चे

Next

Leave a Comment