Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem, Prem Thakker

कविता –करवा चौथ

 करवा चौथ सुनो दिकु…..अपना सर्वस्व मैंने तुम्हें सौंप दिया हैतुम्हारे लिए मैंने करवा चौथ व्रत किया है तुम व्रत करती …


 करवा चौथ

कविता –करवा चौथ

सुनो दिकु…..
अपना सर्वस्व मैंने तुम्हें सौंप दिया है
तुम्हारे लिए मैंने करवा चौथ व्रत किया है

तुम व्रत करती हो पूरा दिन निर्जला
कैसे खाने के लिए इच्छा करेगा मेरा मन भला

कहते है स्त्रियां यह व्रत अपने पति के लिए रखती है
उनकी लंबी आयु की मंगल कामना करती है
तो क्या ईश्वर ने भूख प्यास से काम करने का अधिकार सिर्फ महिलाओं को दिया है
मुजे यह गवारा नही
इसलिये यह व्रत मैंने अपने प्रेम के लिए किया है

जिस तरह तुम सब की चिंता में रहती हो
वैसे मुजे सिर्फ तुम्हारी फ़िक्र में रहना है
जीवनभर मिले चाहे ना मिल पाए
मुजे तुम्हारे एहसासों की खुश्बू में ढलना है

तुम्हारे ह्रदय में अपना स्थान बनाने का
अमूल्य उपहार ईश्वर ने मुजे दिया है
बस यही खुशी में मैने तुम्हारे लिए करवा चौथ व्रत किया है

बहुत कुछ लिखना है पर मेरे पास शब्दो की वर्णमाला नही है
मेरे सारे शब्द अमर्यादित है तुम्हारे लिए
इस कि कोई पाठशाला नही है
हर वह लम्हां उतार देता हूँ अपने शब्दों में
जो प्रकृति ने तुम्हारी यादों के स्वरूप में मुजे दिया है
आज प्रेम ने तुम्हारे लिए करवा चौथ व्रत किया है

व्रत के लिए बंधन ज़रूरी नही होता
जो इच्छापूर्ति के लिए एक दूसरे को जीवनभर है ढोता
मैंने बंधन से भी परे अनूठे एहसास को तुम संग जिया है
इसिलिये प्रेम ने अपनी दिकु के लिए करवा चौथ व्रत किया है

प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए

About author

प्रेम ठक्कर | prem thakker

प्रेम ठक्कर
सूरत ,गुजरात 

ऐमेज़ॉन में मैनेजर के पद पर कार्यरत  

Related Posts

kavita purane panne by Anita sharma

May 31, 2021

पुराने पन्ने चलो पुराने पन्नों को पलटाये,फिर उन पन्नों को सी लेते हैं।उसमें दबे अरमानो में से ही,कुछ अरमान जीवन्त

kavita shahar by Ajay jha

May 31, 2021

शहर. मैं शहर हूँ बस्तियों की परिधि में बसा मजबूर मजलूम पलायित नि:सरित श्रम स्वेद निर्मित अभिलाषा लिए अतीत का

kavita meri kavitaon mein jitendra kabir

May 31, 2021

मेरी कविताओं में… मेरी कविताओं में है… तुमसे जो मिली थी पहली नजर और उसके बाद निहार पाया तुम्हें जितना

Gazal – kya karu by kaleem Raza

May 31, 2021

ग़ज़ल – क्या  करू मै  तुम कहो तो अश्क आंखो से गिराऊं क्या बैठकर मै पास हाले दिल सुनाऊं क्या

kavita Dhairya na khona tum. samunder singh

May 31, 2021

कविता – धैर्य न खोना तुम आँसू से मुँह न धोना तुम। जीवन में धैर्य न खोना तुम।हर दिन सपने

kavita samay mansa wacha up.

May 31, 2021

  कविता – समय बुरे समय में साथ छोड़ने का बहाना ढूंढने वाले और साथ निभाने का बहाना ढूंढने वाले

Leave a Comment