Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

इजरायल-हमास युद्ध – भारत नें ऑपरेशन अजय लॉन्च किया

इजरायल-हमास युद्ध – भारत नें ऑपरेशन अजय लॉन्च किया इजराइल ने फाइनल ऑपरेशन लिया हाथ में – भारत अमेरिका सहित …


इजरायल-हमास युद्ध – भारत नें ऑपरेशन अजय लॉन्च किया

इजरायल-हमास युद्ध - भारत नें ऑपरेशन अजय लॉन्च किया

इजराइल ने फाइनल ऑपरेशन लिया हाथ में – भारत अमेरिका सहित पश्चिमी देश साथ में

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध नें भू-राजनीतिक अविश्वास को बढ़ाने के पंख लगा दिए है – एडवोकेट किशन भावनानीं गोंदिया

गोंदिया – वैश्य स्तरपर आज आए दिनों काफी तेजी से राजनीतिक उठा पठक, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ते जा रहा है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होने की संभावना बढ़ गई है। पहले से ही इस रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया तीन भागों, पक्ष विपक्ष और तटस्थ में बट गई है, जिसे तीसरे विश्व युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता परंतु अब तो इस संभावना को पंख लगते हुए नजर आ रहे हैं, क्योंकि पूरे पश्चिमी देश इजराइल के समर्थन में आ गए हैं तो इधर ईरान पाकिस्तान लेबनान सहित कुछ देश फिलिस्तीन के समर्थन में उतर गए हैं, कुछ देशों द्वारा मानवीय अधिकार के उल्लंघन की बात उठाई गई हैहालांकि इस ओर यूएन ने भी इशारा कर दिया है। उधर अमेरिका का युद्ध पोत युद्ध के रक्षा सामानों का जखीरा बारूद सहित लेकर इसराइल पहुंच चुका है, जबकि दूसरा बेड़ा भेजने की तैयारी की जा रही है ऐसा अमेरिकन राष्ट्रपति ने मीडिया में कहा है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि युद्ध काफी लंबा खिंच सकता है, इसे देखते हुए भारत ने भी दिनांक 11 अक्टूबर 2023 को देर शाम ऑपरेशन अजय लॉन्च कर दिया है, जिससे अपने नागरिकों को वापस भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चूंकि यह युद्ध लंबा खिंचेगा इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब फिलिस्तीन इजरायल युद्ध से भू-राजनीतिक अविश्वास बढ़ाने को पंख लग गए हैं।

 
साथियों बात अगर हम ऑपरेशन अजय की करें तो विदेश मंत्री ने एक्स पर लिखा कि इजरायल से लौटने वाले हमारे नागरिकों की वापसी के लिए ऑपरेशन अजय लॉन्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं। विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
 
साथियों बात अगर हम इजरायल के समर्थन वाले देशों की करें तो, इजरायल और हमास मेंज्यादातर ताकतवर देश इजरायल के साथ हैं। अमेरिका ने तो खुलकर इजरायल का समर्थन किया है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यहां तक कह दिया है कि अन्य देश इस संघर्ष से दूर रहे। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने इस्राइल में जारी संघर्ष पर चर्चा के लिए अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं से बात की है। सुनक ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ अपने संयुक्त बयान में इस्राइल के लिए दृढ़ता और एकजुटता के साथ समर्थन जाहिर किया। उन्होंने आतंकवादी हरकतों के लिए हमास की का कोई औचित्य नहीं है और इसकी हर तरह से निंदा की जानी चाहिए। बयान में कहा गया कि हमारे देश इस तरह के अत्याचारों के खिलाफ अपनी और अपने लोगों की रक्षा करने के प्रयासों में इस्राइल का समर्थन करेंगे। हम इस बात पर भी जोर देते हैं कि इस्राइल के प्रति शत्रुता का भाव रखने वाले किसी भी संगठन के लिए यह समय इन हमलों का लाभ उठाने का नहीं है। इन पांच नेताओं ने कहा कि वे फलस्तीनी लोगों की वैध आकांक्षाओं को मान्यता देते हैं। इस्राइल और फलस्तीनियों के लिए न्याय और स्वतंत्रता के समान उपायों का समर्थन करते हैं। लेकिन हमास फलस्तीनी लोगों की इन आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
 
साथियों बात अगर हम फिलिस्तीन के समर्थन वाले देशों की करें तो, ईरान, कतर, कुवैत, लेबनान, यमन, इराक और सीरिया पूरी तरह से फिलिस्तीन के साथ हैं। पिछले दिनों इजरायल से संबंध सुधारने की दिशा में काम कर रहे सऊदी अरब ने भी इजरायल को चेतावनी दी है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने हमास के हमले को फिलिस्तीनियों का सेल्फ डिफेंस एक्ट बताया था। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि ये ऑपरेशन सत्ता हथियाने वाले शासन के चरमपंथियों के प्रति फिलिस्तीनियों की स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी। उन्होंने बाकी मुस्लिम देशों से अल अक्सा मस्जिद और फिलिस्तीनियों के अधिकारों का समर्थन करने का आह्वान किया। इराक के पीएम ने एक बयान में कहा कि फिलिस्तीनी लोगों द्वारा किया गया ये ऑपरेशन कई सालों से व्यवस्थित उत्पीड़न का स्वाभाविक परिणाम है। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के उल्लंघन के चलते इस हमले के लिए जिम्मेदार है। सीरिया ने भी सरकारी समाचार मीडिया के माध्यम से हमास के इजरायल पर हमले के लिए समर्थन दिखाते हुए बयान जारी किए। सऊदी अरब ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। उकसावे और फिलिस्तिनयों को अधिकारों से वंचित रखने के चलते ये हमला हुआ।
 
साथियों बात अगर हम भारत के पक्ष की करें तो भारत के पीएम ने संकट की इस घड़ी में इजरायल के साथ खड़े होने की बात कही है। फिलस्तीनी राजदूत ने कहा कि भारत अपने बढ़ते वैश्विक कद और पश्चिम एशिया के सभी प्रमुख पक्षों पर प्रभाव से इस्राइल-हमास संघर्ष से पैदा संकट को कम करने में अहम भूमिका निभाने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि भारत इस्राइल और फलस्तीन दोनों का एक ‘मित्र’ है। वह तनाव कम करने की दिशा में काम करने और फलस्तीन मुद्दे के समाधान में योगदान देने में ‘सक्षम’ है। उन्होंने कहा कि भारत यूरोपीय देशों, अमेरिका, पश्चिम एशिया के देशों से संपर्क कर सकता है। शांति की दिशा में काम करने के लिए इस्राइल पर ‘दबाव’ बना सकता है, जिससे वह (इस्राइल) अब तक इनकार करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत शुरू से जानता है कि फलस्तीनी मुद्दा क्या है? महात्मा गांधी के समय से। इसलिए, वे उस भूमिका को निभाने के लिए योग्य हैं, खासकर क्योकि भारत दोनों का मित्र है।
साथियों बात अगर हम भू राजनीतिक अविश्वास को पंख लगने की करें तो, 2023 में भू-राजनीतिक तनाव क्या हैं?
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को कई प्रकार की भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें शामिल हैं, चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन का कोविड संकट, जलवायु संबंधी घटनाएँ, अप्रत्याशित और तेजी से बढ़तीसंरक्षणवादी व्यापार नीतियां, और चल रही महामारी से संबंधित आर्थिक विकृतियाँ। भू-राजनीतिक शब्द का अर्थ क्या है इसको समझें तो, (1)किसी राज्य की राजनीति और विशेष रूप से विदेश नीति पर भूगोल, अर्थशास्त्र और जनसांख्यिकी जैसे कारकों के प्रभाव का अध्ययन। (2) भूराजनीति द्वारा निर्देशित एक सरकारी नीति। वैश्विक भू-राजनीति क्या है इसको समझें तो, भू-राजनीति बताती है कि कैसे देश, व्यवसाय, आतंकवादी समूह आदि दुनिया की भौगोलिक विशेषताओं को नियंत्रित करके अपने राजनीतिक लक्ष्यों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं । हम इन विशेषताओं को भौगोलिक इकाईयाँ कहते हैं। भौगोलिक इकाइयाँ वे स्थान, क्षेत्र, क्षेत्र, पैमाने और नेटवर्क हैं जो दुनिया का निर्माण करते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि इजरायल हमास युद्ध,भारत नें ऑपरेशन अजय लॉन्च किया।इजराइल ने फाइनल ऑपरेशन लिया हाथ में-भारत अमेरिका सहित पश्चिमी देश साथ में।रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब फिलिस्तीन-इजरायल युद्ध नें भू-राजनीतिक अविश्वास को बढ़ाने के पंख लगा दिए है।

About author

kishan bhavnani

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 

किशन सनमुख़दास भावनानी 

Related Posts

Kitne ravan jalayenge hum by Jay shree birmi

October 23, 2021

कितने रावण जलाएंगे हम? कईं लोग रावण को महान बनाने की कोशिश करतें हैं,यह कह कर माता सीता के हरण

Rista me chhal by Jayshree birmi

October 22, 2021

 रिश्ता में छल कुछ दिन पहले गांधीनगर गुजरात  के मंदिर की गौ शाला में किसी का १० माह के बालक

Sharad purinima by Jay shree birmi

October 22, 2021

 शरद पूर्णिमा अपने देश में ६ ऋतुएं हैं और हर ऋतु का अपना महत्व हैं।जिसमे बसंत का महत्व ज्यादा ही

Gujrat me 9 ratein by Jay shree birmi

October 22, 2021

 गुजरात में नौ रातें  हमारा देश ताहेवारों का देश हैं ,तहवार चाहे हो ,सामाजिक हो या धार्मिक हो हम देशवासी

Khud ko hi sarvshreshth na samjhe by Sudhir Srivastava

October 22, 2021

 खुद को ही सर्वश्रेष्ठ न समझें                         ✍ सुधीर

Kitne ravan jalayenge hum ? By Jayshree birmi

October 15, 2021

 कितने रावण जलाएंगे हम? कईं लोग रावण को महान बनाने की कोशिश करतें हैं,यह कह कर माता सीता के हरण

Leave a Comment