Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी- सुधीर श्रीवास्तव

 पुण्य तिथि विशेषआचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी दौलतपुर ग्राम रायबरेली जनपद मे पाँच मई अठारह सौ चौसठ मेंपं. रामसहाय द्विवेदी के …


 पुण्य तिथि विशेष
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी- सुधीर श्रीवास्तव
दौलतपुर ग्राम रायबरेली जनपद मे

पाँच मई अठारह सौ चौसठ में
पं. रामसहाय द्विवेदी के पुत्र रुप में
महाबीर प्रसाद द्विवेदी जन्मे थे।

दीनहीन थी घर की दशा
समुचित शिक्षा नहीं हो सकी,
संस्कृत पढ़ते रहे घर रहकर
फिर रायबरेली, उन्नाव, फतेहपुर में

आखिर पढ़ने जा पाये,
घर की हालत के कारण
पढा़ई से फिर दूर हो गये।
गये पढ़ाई छोड़ बंबई

बाइस रुपये मासिक पर
रेलवे जीआई पी में नौकरी किए।
मेहनत ईमानदारी से अपने
डेढ़ सौ रु. मासिक वेतन संग

हेड क्लर्क पद पर पदोन्नति पा गये।
अंग्रेजी मराठी संस्कृत का नौकरी संग
भरपूर ज्ञान प्राप्त किया,
उर्दू और गुजराती का भी

जमकर खूब अभ्यास किया।
बंबई से झांसी स्थानांतरण हो गया
अधिकारी से विवाद के कारण
स्वाभिमान की खातिर महाबीर ने
नौकरी से त्याग पत्र दे दिया,

फिर जीवन भर साहित्य सेवा में
खुद को महाबीर ने समर्पित किया।
युग प्रवर्तक के रूप में
द्विवेदी जी को मान मिला,

प्रभावी व्यक्तित्व कृतित्व का
युगीन साहित्यकारों पर
गहरा बहुत प्रभाव पड़ा।
वह युग हिंदी साहित्य में
द्विवेदी युग से प्रसिद्ध हुआ,

इक्कीस दिसंबर उन्नीस सौ अड़तीस में साहित्य का यह महापुरोधा
आचार्य महाबीर प्रसाद द्विवेदी जी का
धरा छोड़ परलोक गमन हुआ,
हिंदी साहित्य का चमकता सितारा
जगत में नाम अमर कर गया।

 सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित


Related Posts

Kavita :आत्मायें मरा नहीं करती

November 10, 2023

आत्मायें मरा नहीं करती आत्मायें मरा नहीं करतीमैंने बचपन में सुना थाकिसी नायाब मुख से वे जिंदा रहती हैंअपने खेतों-

प्रेम इंतज़ार कर रहा है | kavita prem intezar kar raha hai

November 10, 2023

कविता : प्रेम इंतज़ार कर रहा है सुनो दिकु…दिल के दर्द की पीड़ा अब नहीं सही जा रहीमेरे होंठों पर

गुमशुदा जरा लिख तहरीर मेरी

November 10, 2023

गुमशुदा जरा लिख तहरीर मेरी ऐ थाना – ए – गुमशुदा जरा लिख तहरीर मेरीखो गया हैं सुकून और अच्छी

कविता –करवा चौथ

October 31, 2023

 करवा चौथ सुनो दिकु…..अपना सर्वस्व मैंने तुम्हें सौंप दिया हैतुम्हारे लिए मैंने करवा चौथ व्रत किया है तुम व्रत करती

कविता –मैं और मेरा आकाश

October 30, 2023

मैं और मेरा आकाश मेरा आकाश मुझमें समाहितजैसे मैप की कोई तस्वीरआँखों का आईना बन जाती हैआकाश की सारी हलचलजिंदगी

कविता – चुप है मेरा एहसास

October 30, 2023

चुप है मेरा एहसास चुप है मेरा हर एहसासक्यों किया किसी ने विश्वासघात?हो गया मेरा हर लफ्ज़ खामोशआज मेरा हर

PreviousNext

Leave a Comment