Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई 2022 पर विशेष

अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई 2022 पर विशेष संग्रहालय की शक्ति – सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन, आपसी समझ सहयोग …


अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई 2022 पर विशेष

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

संग्रहालय की शक्ति – सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन, आपसी समझ सहयोग में संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका

ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक महत्व के प्रभाव से और कलाकृतियों, उपलब्धियों को उनकी व्यापक और उद्देश्य हेतु संग्रहित करना सराहनीय कार्य -एड किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर हम हर देश के अपने अपने इतिहास के खूबसूरत पुराव,वस्तुएं संस्कृतियों कलाकृतियां संस्कृति, प्राकृतिक विज्ञान मानव विज्ञान विधियों, प्राणी विज्ञान, को अपने-अपने राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान या अन्य प्रकार के संग्रहालय में उम्र में उनकी सुरक्षा, व्याख्या और उद्देश्य हेतु संवर्धन, संग्रह करना, उनके महत्व का प्रसार करना तथा राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक के रूप में कार्य करना संग्रहालय का खूबसूरत काम होता है, जिसके कारण उन देशों के नागरिकों को हजारों वर्ष पूर्व के ज्ञान का बोध होता है!! अपने देश की संस्कृति, अपने पूर्वजों के जीवन यापन और हजारों वर्ष पूर्वके हर विज्ञानों का बोध संग्रहालय के द्वारा ही होता है जो विशेष उल्लेखनीय उपलब्धि है कि हम आज के आधुनिक युग में हजारों वर्ष की पूर्व कि मानवीय और अन्य योनियों के जीवन यापन और प्रयोग में लाई वस्तुओं को देख सकते है। आर्टिकल में प्रयुक्त जानकारी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से ली गई है।
साथियों बात अगर हम संग्रहालय की करें तो, सबसे बड़े संग्रहालय दुनिया भर के प्रमुख शहरों में स्थित हैं, जबकि हजारों स्थानीय संग्रहालय छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद हैं। संग्रहालयों के अलग-अलग उद्देश्य होते हैं, उनके संग्रह के संरक्षण और प्रलेखन से लेकर, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों की सेवा करने से लेकर आम जनता के लिए खानपान तक शोधकर्ताओं की सेवा करने का लक्ष्य न केवल वैज्ञानिक है, बल्कि आम जनता की सेवा करना है । दुनिया के किसी भी लोकप्रिय संग्रहालय में जाकर अनेक आयोजनों को देखा जा सकता है दुनिया के कुछ सबसे लोकप्रिय संग्रहालय ये हैं।(1) द हर्मिटेज, रूस (2) लौवर, फ्रांस (3) मिस्र का संग्रहालय, मिस्र (4) एक्रोपोलिस संग्रहालय, ग्रीस (5) ब्रिटिश संग्रहालय, इंग्लैंड। भारत में भी अपने आप में बहुत सारे उत्कृष्ट रूप से निर्मित संग्रहालय हैं जिनमें कुछ अद्वितीय हैं।1) प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय, मुंबई 2) शंकर्स इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम, नई दिल्ली 3) राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, नई दिल्ली 4) सालार जंग संग्रहालय, हैदराबाद 5)केलिको म्यूजियम ऑफ टेक्सटाइल्स, अहमदाबाद। 6) देश में इंडियन म्यूजियम, कोलकाता की गिनती सबसे पुराने संग्रहालयों में होती है। इसकी स्थापना वर्ष 1814 में हुई थी।
साथियों बात अगर हम संग्रहालय के उद्देश्यों की करें तो संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है जो समाज की सेवा और विकास के लिए जनसामान्य के लिए खोला जाता है,और इसमें मानव औरपर्यावरण की विरासतों के संरक्षण के लिए उनका संग्रह, शोध, प्रचार या प्रदर्शन किया जाता है जिसका उपयोग शिक्षा, अध्ययन और मनोरंजन के लिए होता है। भारत में संग्रहालय की अवधारणा अति प्राचीन काल में देखी जा सकती है जिसमें चित्र-शाला (चित्र-दीर्घा) का उल्‍लेख मिलता है।
राष्‍ट्रीय संग्रहालय के मुख्‍य उद्देश्‍य निम्‍नांकित हैं।ऐतिहासिक सांस्‍कृतिक और कलात्‍मक महत्‍व के पुरावशेष और कलाकृतियों को उनकी सुरक्षा और व्‍याख्‍या के उद्देश्‍य हेतु संग्रहीत करना। इतिहास, संस्‍कृति और कलात्‍मक उत्‍कृष्‍टता और उपलब्धियों के संबंध में कलाकृतियों के महत्‍व पर ज्ञान प्रसार करना। कलात्‍मक और सांस्‍कृतिक गतिविधियों में लोगों को आनंद प्रदान करने और विचार विमर्श हेतु एक सांस्‍कृतिक केन्‍द्र के रूप में सेवाएं प्रदान करना। राष्‍ट्रीय पहचान की प्रतीक के रूप में कार्य करना।
साथियों बात अगर हमअंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने के उद्देश्यों की करें तो, दुनियाभर में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवसको मनाने की प्रथा इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम ने शुरू की। सबसे पहले इस दिन को साल 1977 में मनाया गया। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजिम द्वारा हर साल अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने के लिए एक थीम रखी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को संग्रहालय और धरोहरों के प्रति जागरूक करना है। फिर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 18 मई, 1983 को संग्रहालय की महत्ता को समझते हुए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें हर साल अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाने की बात कही गई । इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद करती है। हर साल अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस का आयोजन किया जाता है, जो संग्रहालय समुदाय के लिए एक अनूठा दिन होता है।2020 वर्ष में , लगभग 158 देशों और क्षेत्रों के 37, हज़ार से अधिक संग्रहालयों ने इस आयोजन में भाग लिया। जबकि 2021 वर्ष लॉकडाउन के कारण ऐसा हो पाना संभव नहीं है।
साथियों बात अगर हम हमारे जीवन में संग्रहालय के रोल की करें तो, संग्रहालय में प्रदर्शित होने वाली कलाकृतियों और कार्यक्रमों के बीच एक सहजीवी संबंध रहा है जो लोगों को उनकी संस्कृति से जोड़ता है। संग्रहालय में रखी गयी कलाकृतियों में से प्रत्येक में भारत और पूर्वी दुनिया का इतिहास और संस्कृति समाहित है। भारतीय संग्रहालय एक ऐसा संस्थान है जो जहां एक ओर आपको अपने मित्रों, पड़ोसियों से मिलने, उनके विचार जानने और उनसे चर्चा करने के अवसर प्रदान करता है, वहीं समाज के सक्रीय सदस्य के रूप में आपको अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों में प्रवेश के भी अवसर प्रदान करता है।
साथियों बात अगर हम अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस भारत में मनाने की करें तो, राष्ट्रीय संग्रहालय द्वारा पांच दिनों तक विशेष कार्यकलापों और कार्यक्रमों का आयोजन शुरू है। यह कार्यक्रम 16 से शुरू हैं और 20 मई तक चलेगा। समारोह के दौरान राष्ट्रीय संग्रहालय युवा और वयस्कों दोनों के लिए डिजाइन की गई ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्याकलापों और कार्यक्रमों का मिश्रित आयोजन कर रहा है।
देश में18 मई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के मौके पर संस्कृति मंत्रालय ने 16 मई से 20 मई तक सभी संग्रहालयों में निशुल्क प्रवेश कर सकेंगे जिसमें कई तरह के आयोजन शुरू है। विशेष उल्लेखनीय है कि 14 अप्रैल 2022 को माननीय भारतीय पीएम द्वारा उद्घाटित प्रधानमंत्री संग्रहालय स्वतंत्रता के बाद के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को सम्मान देने के लिए संग्रहालय, भारत की गाथा प्रेरणादायक सिद्ध होगी।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस 18 मई 2022 का विशेष महत्व है संग्रहालय की शक्ति, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन, आपसी समझ सहयोग में संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक महत्वके पूरावशेष और कलाकृतियों उपलब्धियों को उनकी व्याख्या और उद्देश्य हेतु संग्रह करना सराहनीय कार्य है।

-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


Related Posts

भ्रष्टाचार की शून्य सहिष्णुता-किशन सनमुखदास भावनानी

December 20, 2021

नए भारत, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना में भ्रष्टाचार की शून्य सहिष्णुता, पारदर्शी व्यवस्था तथा नागरिकों की मुख्य सहभागिता की प्रतिबद्धता

कागज के शेर-जयश्री बिरमी

December 20, 2021

कागज के शेर एकबार फिर कागजी जलजला आया हैं और पाकिस्तान ने एक नक्शा अपने सोशल मीडिया में दिखाया हैं

ओमिक्रान वेरिएंट – एतिहात बरतना -किशन सनमुखदास भावनानी

December 19, 2021

ओमिक्रान वेरिएंट – एतिहात बरतना और बूस्टर डोज़ का तात्कालिक संज्ञान लेना ज़रूरी ब्रिटेन और अमेरिका में छाए ओमिक्रान वेरिएंट

शिक्षा एक अलग जीवन का प्रवेश द्वार है-किशन सनमुखदास भावनानी

December 19, 2021

शिक्षा एक अलग जीवन का प्रवेश द्वार है! बच्चों के जीवन के शुरुआती वर्षों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आगे चलकर बच्चों

प्रेम में सब कुछ चलता हैं(व्यंग)-जयश्री बिरमी

December 19, 2021

प्रेम में सब कुछ चलता हैं (व्यंग) पुरानी फिल्में देख कई दृश्यों का हम मजाक उड़ाते थे।हीरो ने दौड़ती गड्डी

हमारी अंतरात्मा ही हमारी सच्ची मित्र है.-तमन्ना मतलानी

December 18, 2021

नन्हीं कड़ी में…आज की बात हमारी अंतरात्मा ही हमारी सच्ची मित्र है… संसार में आया हुआ प्रत्येक व्यक्ति सांसारिक मोह-माया

Leave a Comment