Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

story, कहानी

Laghukatha dar ke aage jeet hai by gaytri shukla

डर के आगे जीत है रिमझिम के दसवें जन्मदिन पर उसे नाना – नानी की ओर से उपहार में सायकल …


डर के आगे जीत है

Laghukatha dar ke aage jeet hai by gaytri shukla

रिमझिम के दसवें जन्मदिन पर उसे नाना – नानी की ओर से उपहार में सायकल मिली । चमचमाती लाल सायकल जिसमें हैंडल के सामने छोटा सा बास्केट भी लगा । रिमझिम बहुत प्रसन्न थी बार – बार सायकल की घंटी बजाकर सभी को दिखा रही थी । दूसरे दिन से ही बड़े जोश के साथ सायकल चलाना सीखने का अभियान शुरू हो गया । पापा सायकल थामे पीछे-पीछे दौड़ते और रिमझिम सीट पर सवार होकर डगमगाते हुए सायकल चलाती ।उसे डर लगता पर सीखने का उत्साह भी था । अभी लगभग एक सप्ताह ही हुआ था कि रविवार के दिन रिमझिम बिना मम्मी – पापा को बताए अकेले ही सायकल चलाने निकल पड़ी । अभी मोड़ तक ही पहुँची थी कि सामने से आ रही बाइक और किनारे बैठी गाय को देखते ही उसका संतुलन बिगड़ने के कारण जमीन पर गिर पड़ी । उसे चोटें तो आई ही कोहनी की हड्डी भी टूट गई और प्लास्टर चढ़ गया । धीरे-धीरे सब ठीक हो गया सिवाय इसके कि अब रिमझिम के मन में सायकल को लेकर डर बैठ गया जो उसकी उम्र के साथ बढ़ता गया । मम्मी – पापा ने समझाने का बहुत प्रयास किया पर कोई लाभ नहीं हुआ ।
समय बीता अब रिमझिम स्वयं एक माँ थी । उसके चार साल के बेटे का शरीर बुखार से तप रहा था घर पर वह और उसकी सास थे ।सास खुद घुटनों के दर्द से परेशान रहती थीं । पति काम के सिलसिले में शहर से बाहर थे । उसने अपने फैमली डॉक्टर को फोन किया वे घर आने में असमर्थ थे पर पूरी जानकारी लेने के बाद कुछ दवाओं के नाम लिखकर मोबाइल पर मैसेज किए । अब इन्हे मेडिकल स्टोर्स से लाए कौन? जो सोसायटी से बहुत दूर है । घर के आँगन में खड़ी स्कूटी मुँह चिढ़ा रही थी ।
खैर आस – पड़ोस में विनती करके रिमझिम ने दवाएँ मँगवा तो ली पर अब तक शाम होने को आ रही थी । बच्चे की तकलीफ देखकर उसे महसूस हो रहा था काश …..मैंने अपने डर को जीत लिया होता ।

गायत्री बाजपेई शुक्ला


Related Posts

कहानी: दुपट्टे की गाँठ

कहानी: दुपट्टे की गाँठ

July 28, 2025

कभी-कभी ज़िंदगी के सबसे बड़े सबक किसी स्कूल या किताब से नहीं, बल्कि एक साधारण से घर में, एक सादी-सी

कहानी-कहाँ लौटती हैं स्त्रियाँ

कहानी-कहाँ लौटती हैं स्त्रियाँ

July 24, 2025

कामकाजी स्त्रियाँ सिर्फ ऑफिस से नहीं लौटतीं, बल्कि हर रोज़ एक भूमिका से दूसरी में प्रवेश करती हैं—कर्मचारी से माँ,

कहानी – ठहर गया बसन्त

कहानी – ठहर गया बसन्त

July 6, 2025

सरबतिया …. ओ ..बिटिया सरबतिया…….अपनी झोपड़ी के दरवाज़े  के बाहर ,बड़ी हवेली हवेली वाले  राजा ठाकुर के यहाँ काम करने

दीपक का उजाला

दीपक का उजाला

June 10, 2025

गाँव के किनारे एक छोटा-सा स्कूल था। इस स्कूल के शिक्षक, नाम था आचार्य देवदत्त, अपने समय के सबसे विद्वान

Story parakh | परख

Story parakh | परख

December 31, 2023

 Story parakh | परख “क्या हुआ दीपू बेटा? तुम तैयार नहीं हुई? आज तो तुम्हें विवेक से मिलने जाना है।”

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी | bad time story

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी | bad time story

December 30, 2023

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी “मैं पूरे दिन नौकरी और घर को कुशलता से संभाल सकती हूं तो क्या अपने बच्चे

Next

Leave a Comment