Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

Hey vighnkarta by Sudhir Srivastava

                                        …


                                           

 *हे विघ्नहर्ता* 

Hey vighnkarta by Sudhir Srivastava

                    

 हे गणपति गणपति गणेश

हे संकटहर्ता हे विघ्नहर्ता

हे विघ्न विनाशक गणपति बप्पा

अब आप आ ही गये हो तो

हमारा भी कल्याण करो

हार रहा है अब प्राणी

हे लम्बोदर कुछ तो ख्याल करो

हे एकदंत हे सिद्ध विनायक

जन जन का अब उद्धार करो

हे रिद्धि सिद्धि के दाता

अब नहीं सूझता मार्ग कोई

हे गणाधीश हे शिव सपूत

अब तुमको ही कुछ करना होगा,

कोरोना के संकट को अब

हे शक्ति पुत्र हरना होगा।

अक्षत चंदन रोली पुष्पों संग

हाथ जोड़ हम विनय करें,

अपने बच्चों के  खातिर बप्पा प्रभु

तुम्हरे मूसल की मार से ही अब

कोरोना को मरना होगा।

🖋सुधीर श्रीवास्तव

         गोण्डा, उ.प्र.              8115285921.


Related Posts

कुएँ की खामोशी

कुएँ की खामोशी

December 15, 2025

मन करता है मैं उसी कुएँ से नहाऊँ, पानी भरूँ जहाँ कभी परिवार के सभी लोग हँसी के छींटों में

रसेल और ओपेनहाइमर

रसेल और ओपेनहाइमर

October 14, 2025

यह कितना अद्भुत था और मेरे लिए अत्यंत सुखद— जब महान दार्शनिक और वैज्ञानिक रसेल और ओपेनहाइमर एक ही पथ

एक शोधार्थी की व्यथा

एक शोधार्थी की व्यथा

October 14, 2025

जैसे रेगिस्तान में प्यासे पानी की तलाश करते हैं वैसे ही पीएच.डी. में शोधार्थी छात्रवृत्ति की तलाश करते हैं। अब

खिड़की का खुला रुख

खिड़की का खुला रुख

September 12, 2025

मैं औरों जैसा नहीं हूँ आज भी खुला रखता हूँ अपने घर की खिड़की कि शायद कोई गोरैया आए यहाँ

सरकार का चरित्र

सरकार का चरित्र

September 8, 2025

एक ओर सरकार कहती है— स्वदेशी अपनाओ अपनेपन की राह पकड़ो पर दूसरी ओर कोर्ट की चौखट पर बैठी विदेशी

नम्रता और सुंदरता

नम्रता और सुंदरता

July 25, 2025

विषय- नम्रता और सुंदरता दो सखियाँ सुंदरता व नम्रता, बैठी इक दिन बाग़ में। सुंदरता को था अहम स्वयं पर,

Next

Leave a Comment