LaghuKatha – peepal ki pukar | पीपल की पुकार

लघुकथा  पीपल की पुकार ‘दादी मां दादी मां, आपके लिए गांव से चिट्ठी आई है’, 10 साल के पोते राहुल ने अपनी दादी को पुकारते हुए कहा। मेरे लिए चिट्ठी, भला किसने लिख दी, दादी ने अचंभित होकर कहा। ‘पता नहीं, अभी एक भैया चिट्ठी देकर गए’, राहुल ने उत्तर दिया।दादी मां ने चिट्ठी देखी … Read more

वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में विकास बिश्नोई की कहानियों का महत्व

 वर्तमान सामाजिक परिदृश्य में विकास बिश्नोई की कहानियों का महत्व किसी भी राष्ट्र एवं समाज का भविष्य बच्चों पर निर्भर होता है।बाल्यावस्था व्यक्तित्व के निर्माण के लिए सबसे महत्वपूर्ण अवधि होती है। इस अवधि के दौरान बच्चों में जिज्ञासा, अनुकरणशीलता एवं कल्पनाशीलता बहुत अधिक होती है।ऐसे में बाल साहित्य बच्चों को सही शिक्षा व दिशा … Read more

विकास बिश्नोई की कहानियों में बदलते वर्तमान परिदृश्य

 विकास बिश्नोई की कहानियों में बदलते वर्तमान परिदृश्य प्रारंभ से ही साहित्य एवं समाज में एक अटूट संबंध रहा है। साहित्य में समसामयिक घटक सदैव उजागर होते हैं। बाल साहित्य अभिव्यक्ति की एक समर्थ विधा है, जो कि जीवन के समकालीन यथार्थ को सामने लाने में सक्षम है। इसे मानव मन की श्रेष्ठतम अभिव्यक्ति माना … Read more

पुस्तक समीक्षा: आओ चलें उन राहों पर

पुस्तक समीक्षा: आओ चलें उन राहों पर

पुस्तक समीक्षा: आओ चलें उन राहों पर’ जीवन में उत्तम मार्ग पर चलने का आह्वान करती पुस्तक ‘आओ चलें उन राहों पर’ पुस्तक का नाम : आओ चलें उन राहों पर लेखक : विकास बिश्नोई (7015184834) विधा : बाल कहानी संग्रह। संस्करण : प्रथम (2022), मूल्य : 300 रुपये। प्रकाशक : शब्दाहुति प्रकाशन, फरीदाबाद (हरियाणा)। … Read more

कहानी –जड़

कहानी –जड़ Pic credit -freepik.com ये हर रोज की कीच कीच मैं आज जड़ से ही खत्म कर देता हूं। ये ना मां बाप घर में रहेंगे, ना कोई क्लेश होगा। रमेश ने अपनी पत्नी सुनीता से कहा। दो चार दिन निकलते ही रमेश ने दोनों का सामान समेटा और मां बाप को घर से … Read more

लघुकथा -तिरंगा/tiranga

लघुकथा -तिरंगा विजय ना जाने क्यों झंडे की ही पूजा करते मिलता है, उसे कभी किसी देवता की पूजा करते मैंने नहीं देखा, रवि ने संजय से हैरानी से पूछा। हां भाई, मैंने भी देखा है ये तो, चलो विजय से ही चलकर पूछ लिया जाए की ऐसा इस झंडे में क्या है? संजय ने … Read more

Story- ये रही बोरी और ये रहे तुम(ye rahi bori aur ye rahe tum)

 कहानी- ये रही बोरी और ये रहे तुम अक्सर लोग कहते हैं कि हम समाजसेवा करना तो चाहते हैं पर ऐसा कोई मौका ही नहीं मिलता। अगर मन सच्चा होगा और मन में सेवा की भावना होगी तो हमारे सामने ऐसे अवसर स्वयं आ जाते हैं। हाल ही में विजय के साथ ऐसा ही एक … Read more