kavita kahan chale gaye tum by Ramesh verma
कहॉं चले गये तुम खत से निकल कर बेजान खत मेरे पास रह गये शब्दों से तुमको सजाया था वही शब्द मुझसे दगा़ कर गये बड़े ही जतन से संभाला था खत को किताबों के पन्नो में दबाया था खत को फिर भी वो खत से निकल कर चले गये बेवफाई का हमने नजारा जो … Read more