kavita do kandhe mil jate hai by chanchal krishnavanshi
कविता -दो कन्धे तो मिल जाते हैं यहां मुझे दो कन्धे तो मिल जाते हैं यहां मुझे, रोने के बादमानता हूं कि तुम नहीं रोओगे,मुझे खोने के बाद। मेरी खुशकिस्मती से अभी,वाकिफ कहां हो तुममेरी मां परेशान हो जाती है,मेरे दूर होने के बाद। ज़ालिम दुनियां तेरे दर्द का तमाशा ही बनायेगीइस बेरहम दुनियां के … Read more