Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

Aisa samay aayega by Jitendra Kabir

 ऐसा समय आएगा जिस तरह से हर बात में  घुस रही है राजनीति आजकल जल्द ही ऐसा दिन आ जाएगा, …


 ऐसा समय आएगा

Aisa samay aayega by Jitendra Kabir

जिस तरह से हर बात में 

घुस रही है राजनीति आजकल

जल्द ही ऐसा दिन आ जाएगा,

पिता-पुत्र, पति-पत्नी, भाई-बहन

और दोस्ती के रिश्तों में भी 

राजनीति का जहर घुल जाएगा

हर समुदाय के लोगों को 

पकड़ कर अलग-अलग बाड़ों में

बंद कर दिया जाएगा,

उनके बीच का कोई भी संबंध

प्रेम, भाईचारा, व्यापार सब कुछ

कानूनन जुर्म कहलाएगा।

अभी तो सरकारें अंतर्जातीय एवं

अंतरहैसियत विवाह निषेध जैसे

कानून भी लाएंगी,

और इस तरह समस्त विश्व को

इस महान देश की ओर से प्रेम व

विश्व-बंधुत्व का संदेश दिया जाएगा।

                           जितेन्द्र ‘कबीर’ 

                           

यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।

साहित्यिक नाम – जितेन्द्र ‘कबीर’

संप्रति – अध्यापक

पता – जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश

संपर्क सूत्र – 7018558314


Related Posts

कुएँ की खामोशी

कुएँ की खामोशी

December 15, 2025

मन करता है मैं उसी कुएँ से नहाऊँ, पानी भरूँ जहाँ कभी परिवार के सभी लोग हँसी के छींटों में

रसेल और ओपेनहाइमर

रसेल और ओपेनहाइमर

October 14, 2025

यह कितना अद्भुत था और मेरे लिए अत्यंत सुखद— जब महान दार्शनिक और वैज्ञानिक रसेल और ओपेनहाइमर एक ही पथ

एक शोधार्थी की व्यथा

एक शोधार्थी की व्यथा

October 14, 2025

जैसे रेगिस्तान में प्यासे पानी की तलाश करते हैं वैसे ही पीएच.डी. में शोधार्थी छात्रवृत्ति की तलाश करते हैं। अब

खिड़की का खुला रुख

खिड़की का खुला रुख

September 12, 2025

मैं औरों जैसा नहीं हूँ आज भी खुला रखता हूँ अपने घर की खिड़की कि शायद कोई गोरैया आए यहाँ

सरकार का चरित्र

सरकार का चरित्र

September 8, 2025

एक ओर सरकार कहती है— स्वदेशी अपनाओ अपनेपन की राह पकड़ो पर दूसरी ओर कोर्ट की चौखट पर बैठी विदेशी

नम्रता और सुंदरता

नम्रता और सुंदरता

July 25, 2025

विषय- नम्रता और सुंदरता दो सखियाँ सुंदरता व नम्रता, बैठी इक दिन बाग़ में। सुंदरता को था अहम स्वयं पर,

Next

Leave a Comment