Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Dr_Madhvi_Borse, poem

यथार्थ मार्ग!

 यथार्थ मार्ग! कुरीतियां और बुरी आदतों को बदलें, इस जिंदगी की राह में थोड़ा और संभले, जितनी हो गई गलतियां …


 यथार्थ मार्ग!

यथार्थ मार्ग!
कुरीतियां और बुरी आदतों को बदलें,

इस जिंदगी की राह में थोड़ा और संभले,

जितनी हो गई गलतियां उसे सुधारे,

अब तो अच्छाई की सीढ़ियों पर चढ़ले !

अपने सपनों को मरने ना दे,

बुराइयां हमारे हृदय में भरने ना दे,

मजबूत बना ले खुद को ऐसा,

कोई गलत संग का रंग चढ़ने ना दे!

दुनिया में स्वार्थ का हे भरमार,

बात-बात पर अभिमान और अहंकार,

देवता नहीं तो इंसान बन के दिखा ए मानव,

कर दे घृणा और क्रोध का संहार!

अपनी अंतरात्मा को सुनें,

सही, गलत को चिंतन से चुने,

दीन,दया,नम्रता को जिंदगी में लाकर,

इंसानियत की राह पर सही सपने बुने!

कुरीतियां और बुरी आदतों को बदलें,

इस जिंदगी की राह में थोड़ा और संभले,

जितनी हो गई गलतियां उसे सुधारे,

अब तो अच्छाई की सीढ़ियों पर चढ़ले !!

डॉ. माध्वी बोरसे!

( स्वरचित व मौलिक रचना)

राजस्थान (रावतभाटा)


Related Posts

रसेल और ओपेनहाइमर

रसेल और ओपेनहाइमर

October 14, 2025

यह कितना अद्भुत था और मेरे लिए अत्यंत सुखद— जब महान दार्शनिक और वैज्ञानिक रसेल और ओपेनहाइमर एक ही पथ

एक शोधार्थी की व्यथा

एक शोधार्थी की व्यथा

October 14, 2025

जैसे रेगिस्तान में प्यासे पानी की तलाश करते हैं वैसे ही पीएच.डी. में शोधार्थी छात्रवृत्ति की तलाश करते हैं। अब

खिड़की का खुला रुख

खिड़की का खुला रुख

September 12, 2025

मैं औरों जैसा नहीं हूँ आज भी खुला रखता हूँ अपने घर की खिड़की कि शायद कोई गोरैया आए यहाँ

सरकार का चरित्र

सरकार का चरित्र

September 8, 2025

एक ओर सरकार कहती है— स्वदेशी अपनाओ अपनेपन की राह पकड़ो पर दूसरी ओर कोर्ट की चौखट पर बैठी विदेशी

नम्रता और सुंदरता

नम्रता और सुंदरता

July 25, 2025

विषय- नम्रता और सुंदरता दो सखियाँ सुंदरता व नम्रता, बैठी इक दिन बाग़ में। सुंदरता को था अहम स्वयं पर,

कविता-जो अब भी साथ हैं

कविता-जो अब भी साथ हैं

July 13, 2025

परिवार के अन्य सदस्य या तो ‘बड़े आदमी’ बन गए हैं या फिर बन बैठे हैं स्वार्थ के पुजारी। तभी

Next

Leave a Comment