कविता - बस आ जाओ

October 14, 2023 ・0 comments

कविता  : बस आ जाओ

सुनो दिकु.....

मुज़ से कोई खता हुई है,
तो बता दो ना

रुख से अपने नकाब
हटा दो ना

अगर रूठे हो तो मना लूंगा तुम बस कह दो
गर गलती हुई है कोई
तो तुम मुजे सज़ा दो ना

में हर हालात का सामना करने को तैयार हूँ
अपने प्रेम को एकबार
उसका प्यार लौटा दो ना
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए

About author

प्रेम ठक्कर | prem thakker
प्रेम ठक्कर
सूरत ,गुजरात 
ऐमेज़ॉन में मैनेजर के पद पर कार्यरत  

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