मोम सा दिल | mom sa dil

August 11, 2023 ・0 comments

मोम सा दिल

मोम सा दिल | mom sa dil
सुनो दिकु......
चोटें तो बहोत लगी इस सफर में
पर दर्द का कभी एहसास ना हुआ

चाहनेवाले बहोत मिले सफर में
पर तुम सा कोई खास ना हुआ

ज़िंदगी को सब कुछ सौंप देने को तैयार था में एक तुम्हारे बदले
फिर भी जुदा कर दिया हमें,
यह कमबख्त किस्मत को भी थोड़ा सा विश्वास ना हुआ

बहुत कुछ सह गये तुम्हारे जाने के बाद और सहम गयी अंदर ही सारी नादानियाँ
सिर्फ तुम्हारी दूरी का सदमा हम से बर्दाश्त ना हुआ

आज भी खड़ा हूँ बीच मझधार में तुम्हारी खातिर
ठंड, गर्म और गुज़र गयी यह बारिश भी
हज़ारों ठोकरें खाकर भी मोम का ये दिल पत्थर की दीवार ना हुआ
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए

About author

प्रेम ठक्कर | prem thakker
प्रेम ठक्कर
सूरत ,गुजरात
ऐमेज़ॉन में मैनेजर के पद पर कार्यरत

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