नारी पर कविता | Naari par kavita
July 03, 2023 ・0 comments ・Topic: kishan bhavnani poem
भावनानी के भाव
नारी पर कविता
नारी ऐसी होती है जो सभीरिश्तो को एक धागे में पिरोती है
मां बहन पत्नी बेटी बन
हर रिश्ते को संजयोती है
भारतीय संस्कृति में नारी
लक्ष्मी सरस्वती पार्वती की रूप होती है
समय आने पर मां रणचंडी दुर्गा,
काली का स्वरूप होती है
मत समझ अब अबला
नारी सबला होकर जीती है
हर क्षेत्र में नारी आगे
भारत कि अब यह नीति है
सम्मान करो नारी का वो
ममता प्यार वात्सल्य का स्वरूप होती है
अपमान न करना नारी का
आज की नारी सबला होती है
कौन कहता है इस युग में
नारी अबला होती है
आज की दुनिया में
नारी सबला होती है
करुणा दया नम्रता ममता से
उसकी परख होती है
इसका मतलब यह ना समझना
वह कमजोर होती है
About author
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट
किशन सनमुख़दास भावनानी
गोंदिया महाराष्ट्र
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