लघुकथा–ऊपरवाला सब देख रहा है

लघुकथा–ऊपरवाला सब देख रहा है

रंजीत के पास धंधे के तमाम विकल्प थे, पर उसे सीसी टीवी का धंधा कुछ ज्यादा ही पसंद था। एयरकंडीशन से ले कर टीवी तक, सभी का इंस्टोलेशन करने के लिए वह आदमी भेजता था, पर सीसी टीवी कैमरे के लिए वह खुद ही जाता था। हर सीसी टीवी कैमरा इंटरनेट के साथ कनेक्ट होता और हर कैमरे का एक यूनिक कोड होता, जो सेटअप करने वाले के पास रहता। जिससे कभी क्लायंट का पासवर्ड खो जाता तो वह यूनिक कोड से फिर से कैमरे को ऐक्टिव कर सके।
रंजीत की एक आदत सी पड़ गई थी। खुद के लगाए सीसी टीवी कैमरे के यूनिक कोड का उपयोग कर के वह किसी के आफिस की केबिन से ले कर कमरे तक पहुंच जाता। लोगों की लाइफ में झांकने के आनंद से शुरू हुए हैकिंग के काम से उसके मन में रातोंरात धनी होने का विचार आया।
कुछ ही दिनों में उसने ऐसे चार-पांच लोगों के घर के सीसी टीवी कैमरे के यूनिक कोड निकाले, जिन्होंने अपनी इलेक्ट्रिक तिजोरी पर नजर रखने के लिए कैमरे लगवाए थे। अपने कोड से कैमरों को हैक कर के उसने तिजोरी खोलने का पासवर्ड जान लिया।
दरअसल, मुन्ना सुल्तान से उसका करार हुआ था कि जानकारी और पासवर्ड देने के बदले उसे चोरी के माल का दस प्रतिशत मिलेगा। जिस दिन बात पक्की हुई थी, उसी दिन उसका बेटा गली में ठोकर लगने से गिर गया। रंजीत की कमर में अचानक तेज दर्द होने लगा तो पत्नी बिना वजह ही बेहोश हो गई। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि एकाएक यह सब आफत क्यों और कैसे आ गई? यही सोचते हुए वह आफिस में बैठा मुन्ना सुल्तान को देने के लिए लिस्ट बना रहा था। अचानक उसकी नजर कैमरे के विज्ञापन के पोस्टर पर पड़ी। विज्ञापन में एक सीसी टीवी कैमरे के साथ स्लोगन लिखा था- 'जरा संभल के, ऊपर वाला सब देख रहा है।'
यह पोस्टर जहां लगा था, उसी के बगल कृष्ण भगवान का हंसता हुआ फोटो था। रंजीत एकटक उस स्लोगन को और कृष्ण भगवान के फोटो को देखता रहा और फिर फोन से यूनिक कोड के ऐप डिलीट कर मुन्ना सुल्तान को देने वाली लिस्ट फाड़ दी।

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वीरेन्द्र बहादुर सिंह जेड-436ए सेक्टर-12, नोएडा-201301 (उ0प्र0) मो-8368681336
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