मीठी जुबान का ऐसा कमाल है
January 19, 2023 ・0 comments ・Topic: kishan bhavnani poem
मीठी जुबान का ऐसा कमाल है
मीठी जुबान का ऐसा कमाल है
कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिकता मीठा बोलने वाले की
मिर्ची भी बिक जाती है
मुस्कान उस कला का नाम है
भरपूर खुशबू फैलाना उसका काम है
अपने स्वभाव में ढाल के देखो
फिर तुम्हारा नाम ही नाम है
मुस्कान में मिठास की परछाई है
इस कला में अंधकारों में भी
भरपूर खुशहाली छाई है
स्वभाव की यह सच्ची कमाई है
मुस्कान में पराए भी अपने होते हैं
अटके काम पल भर में पूरे होते हैं
सुखी काया की नींव होते हैं
मानवता का प्रतीक होते हैं
About author
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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