कविता–ठसन छोड़ना पड़ेगा| Thasan chhodna padega

November 13, 2022 ・0 comments

कविता–ठसन छोड़ना पड़ेगा


अपना जीवन सुखी बनाना है तो
अटके काम बनाना है तो
सुकून से जीवन व्यतीत करना है तो
ठसन छोड़ना पड़ेगा

पड़ोसियों का मन जीतना है तो
समाज में प्रतिष्ठा बढ़ाना है तो
संयुक्त परिवार बनाए रखना है तो
ठसन छोड़ना पड़ेगा

भ्रष्टाचारी को रंगे हाथ पकड़वाना है तो
हिम्मत जज्बे संयमता का गुण पाना है तो
भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को सबक सिखाना है तो
ठसन छोड़ना पड़ेगा

ठसन वालेका भ्रष्टाचार लेके काम नहीं करता
मीठी छुरी से उनको पकड़वाना है तो
अपनी प्रतिष्ठा कायम रखना है तो
ठसन छोड़ना पड़ेगा

अपना व्यापार व्यवसाय मजबूत करना है तो
मां लक्ष्मी सरस्वती का आश्रय पाना है तो
आजीवन समृद्धि लाना है तो
ठसन छोड़ना पड़ेगा

About author

Kishan sanmukh

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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