सकारात्मकता/positivity
November 08, 2022 ・0 comments ・Topic: Jayshree_birmi laghukatha
सकारात्मकता /Positivity
एक कौआ था बहुत ही खुश मिजाज था।जब देखो कांव कांव कर के उड़ता था और अपनी खुशी जाहिर करता था।ज्यादातर वह राजा के महल के आसपास उड़ा करता था।एक दिन राजा कुछ ज्यादा ही परेशान था।कुछ शासकीय समस्या थी जैसे उन्होंने कौए को गाते फुदकते देखा तो गुस्से से पागल हो गया,सिपाहियों को हुक्म दिया कि इस कौए पर पानी डालो,कौआ तो पानी में भीगता भीगता गाता रहा,’ बिन बारिश के नहाने में है बड़ा मजा’ ऐसे गाता फुदकता इधर उधर जाने लगा।राजा को और गुस्सा आया तो सिपाहियों को हुकम किया इसे कीचड़ में फेंक दो।तो बेचारे को कीचड़ में फेंका तो वहां भी गाने लगा,’बिन पैसे दिए फिसलने में बड़ा मजा,भाई बड़ा मजा।’सिपाही ने आके राजा को बताया कि कौआ तो वहां भी गा रहा था।राजा को बहुत गुस्सा आया तो उसे कैदखाने में डाल और बेचारे को कैद में डाल दिया।वहां भी वही नाचना गाना होता रहा तो हार कर राजा ने उसे मुक्त कर दिया और बुलाकर पूछा ," तुम इतना खुश हर हालत में कैसे रह सकते हो?“ कौए ने मुस्कुराकर जवाब दिया," राजाजी को प्रणाम हो,देखिए हम किसी भी परिस्थिति में रहें तो उसका विरोध कर के क्या आप उससे बच पाओगे क्या? नहीं हालत तो समय के साथ ही बदलेंगे।अगर आप दुखी हैं तो भी वही परिस्थिति रहने वाली हैं तो उसे हस कर ही गुजारेंगे तो मन पर उसका असर कम हो जायेगा।" राजा उसकी बात सुन बड़ा खुश हुआ और उसे ’आनंदी कौए ’की पदवी दी और अपने सभी मंत्रियों को भी उसके जैसे सोचने की सलाह दी।कौआ तब से राजा के महल में मेहमानों की रहने लगा।
इस कहानिसे सीखना मिलता हैं कि कोई भी परिस्थिति हो उसे हस कर गुजरने से विपरीत परिणामों से बचा जाता हैं।एक सकारात्मकता का उद्भव होता हैं।
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