पार्टियों में पीना पिलाना/Throw a party
October 17, 2022 ・0 comments ・Topic: Jayshree_birmi lekh
पार्टियों में पीना पिलाना/Throw a party
‘Throw a party’ एक फैशन बन गया हैं,छोटी बड़ी खुशी को मनाने के।लिए पार्टी होना जरूरी बन गया हैं।पहले कार्यों की परिपूर्ति होने पर पूजा पाठ करवाया जाता था और अब पार्टी।वह भी तीन किस्म की होती हैं,ड्राई,वेट एंड पाउडर वाली।ड्राई में तो कहने हैं खुश्क लोग ही आते हैं,उन्हे नीरस कहा जाता हैं।वेट पार्टी वालें तो सोमरस के शौकीन होते हैं।जो पी कर पार्टियों में रंग जमाने का काम करतें हैं जिसमे अभद्र भाषा और लहजों से महफिल सज जाती हैं जहां स्त्रियों की हाजरी की अवमानना कर शब्दों का प्रयोग होता हैं जिसे स्त्रियां भी खूब मजे ले कर सुनती हैं और वह वही भी करती हैं।
उसमें भी जन्मदिन की पार्टी चाहे बच्चे का ही क्यों न हो,शराब तो पारोंसी ही जाती हैं।वह भी बेहद पिएं हुओं की हरकतें राक्षस नुमा हो जाती हैं।एक स्टेट्स सिंबल– प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता हैं शराब का होना।और अगर व्यवसायिक पार्टी हुई तो अपने मेहमान को रिजा कर धंधाकीय लाभ उठाने के लिए यजमान जी जान लगा कर पिलाता हैं।शादी ब्याह की तो बात ही छोड़ो बाराती को तो छोड़ो दुलाहे के पिता और दूसरे परिवार जन भी नशे में धुत्त हो अपना आपा खो देते हैं,कभी कभी तो माराकुटी तक बात पहुंच जाती हैं,रिश्ता एनएम बनने से पहले खत्म हो जाने तक नौबत पहुंच जाती हैं।किसी को भी खाने में कोई रस नहीं होता सिर्फ पीने में ही लगे रहते हैं।
आजकल के युवां की तो शान ही निराली हैं,बस थोडे पाउडर की पुड़िया ही पार्टी में घूम घूम कर सब का दिल बहलाती हैं जो सेहत और मानसिकता दोनों को दुश्मन हैं।हमारे देश का युवा धन ऐसे ही अप आई जवानी बरबाद कर देता हैं।जहां यू के सकारात्मक कार्य करने के दिन हैं वहां रात को शराब की पार्टी और सुबह हैंग ओवर से दिन बरबाद तो कब करेंगे कार्य जो उनकी प्रगति के लिएं जरूरी हैं।
देश और समाज के लिए कार्य करने के लिए युवानों को इन प्रदूषित आदतों से दूर रह अपना और देश का विकास हो ऐसे कार्यों में रत रहना चाहिएं।शराब ही में नशा नहीं हैं कभी अपने परिवार के साथ बैठ नई पुरानी बाते करके देखो कितना नशा हैं।किसी गरीब की मदद करके देखो कितना नशा हैं।बहुत हैं नशीली चीजें जरा ढूंढ कर तो देखो,नशा शराब में ही नहीं अच्छे कर्मों का भी होता हैं।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.