पिता के लिए कोई शब्द नहीं
कविता पिता के लिए कोई शब्द नहीं
पिता की ज्ञानवर्धक बातों कोअनुशासन से समझते नहीं
पिता के लिए कोई शब्द नहीं
इसलिए कोई लिख पाते नहीं
पिता का प्यार अनमोल है
पर वह कभी जताते नहीं
बच्चों के लिए सब कुछ
करते हैं पर बताते नहीं
परिवार की ज़वाबदारी का कितना
बोझ है उन पर यह बताते नहीं
बच्चों के लिए मेहनत मजदूरी
करते हैं कभी शर्माते नहीं
अक्सर बच्चे और युवा पिता के प्यार
को गहराई से समझते नहीं
पिता का साथ देख कर
उत्साह वर्धन करते नहीं
बच्चों का जीवन सुखमय बनाने
परेशानियों से टकराते थकते नहीं
कैसे समझाएं आज के युवाओं को
पिता का छुपा हुआ प्यार देखते नहीं
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-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र