उड़े तिरंगा बीच नभ

August 11, 2022 ・0 comments

उड़े तिरंगा बीच नभ


आज तिरंगा शान है, आन, बान, सम्मान।
रखने ऊँचा यूँ इसे, हुए बहुत बलिदान।।

नहीं तिरंगा झुक सके, नित करना संधान।
इसकी रक्षा के लिए, करना है बलिदान।।
 
देश प्रेम वो प्रेम है, खींचे अपनी ओर।
उड़े तिरंगा बीच नभ, उठती खूब हिलोर।।
 
शान तिरंगा की रहे, दिल में लो ये ठान।
हर घर, हर दिल में रहे, बन जाए पहचान।।
 
लिए तिरंगा हाथ में, खुद से करे सवाल।
देश प्रेम के नाम पर, हो ये ना बदहाल।।
 
लिए तिरंगा हाथ में, टूटे नहीं जवान।
सीमा पर रहते खड़े, करते सब बलिदान।।

लाज तिरंगा की रहे, बस इतना अरमान।
मरते दम तक मैं रखूँ, दिल में हिंदुस्तान।।

About author

Satyawan saurabh
 
- डॉo सत्यवान 'सौरभ'
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,

333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045

facebook - https://www.facebook.com/saty.verma333

twitter- https://twitter.com/SatyawanSaurabh

-----------------------------------------------------------

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.