ना लीजिए उधार!/na lijiye udhar

July 14, 2022 ・0 comments

ना लीजिए उधार!

ना लीजिए उधार!/na lijiye udhar

ना लीजिए उधार, बन जाओ खुद्दार,

लाए अपनी दिनचर्या में, थोड़ा सा सुधार,

अपने कार्य के प्रति, हो जाए वफादार,

मेहनत करें कोई और, कमाए पैसे चार,

उससे पैसे मांगे, उनके अपने रिश्तेदार,

ना मांगो पैसे बार-बार,

कमाने पर रखो यकीन यार,

पैसे जोड़ने के लिए निकालें कई प्रकार,

किसी की मेहनत की कमाई लेना, अच्छा नहीं आचार,

लोग उधार लेकर, गुम हो जाते हैं कई साल,

महान बनने के चक्कर में, आप भी दे देते हैं उधार,

स्वयं और स्वयं के परिवार के बारे में भी सोचे एक बार,

घर वालों को परेशानी में रख कर, धन ना बाटिए बाहर,

किसी दिन दुखियों की मदद करे आप हर बार,

पर जो लोग मेहनत कर सकते हैं, उन पर ना खर्च करो बेकार,

कभी-कभी कुछ मतलबी लोगों की मदद कर कर,

कर लेते हैं खुद को लाचार,

कुछ लोग के कभी उधार चुकाने के नहीं होते आसार,

करो ऐसी मेहनत उधार लेने की नौबत नहीं आए एक भी बार,

और अगर आप उधार लेते हो मजबूरी में,

तो वक्त पर देने के लिए भी हो जाओ तैयार,

ना वक्त पर दो, तो हे धिक्कार,

क्योंकि ऐसी हरकत कर कर,

हम लोगों की इंसानियत रहे हैं मार,

वह कभी भरोसा नहीं कर पाएगा, और नहीं दे पाएगा जरूरतमंद को उधार,

दोस्तों मेहनत से पैसे कमा कर देखो एक बार,

छोड़दो जो करते हो, रात दिन भ्रष्टाचार,

क्योंकि ऐसे पैसों से बिगड़ते हैं आचार विचार,

बनाए रखिए एक दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार,

ना हो कोई स्वार्थ, ना करें चीटिंग का प्रहार,

फिर भी आप देते हैं किसी को कोई उधार,

बयान उतारिए उनका पेपर पर एक बार,

क्योंकि जब आपको जरूरत पड़ेगी बदलते दिखते हैं लोग ज्यादातर,

आपका हक का पैसा लौटाते हैं एहसान जताकर,

किसी की मदद करनी है, तो अपनी आमदनी के हिसाब से देकर,

ना ही अपने आप को किसी मजबूरी में डालकर और ना दीजिए किसी से लेकर,

चलो ना लेते हैं ना लेंगे किसी से उधार,

मेहनत करके, कमाएंगे धन हर बार,

स्वयं को बनाए ईमानदार और खुद्दार!!


डॉ. माध्वी बोरसे!

रावतभाटा (कोटा) राजस्थान !

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