वर्षा ऋतु !
June 24, 2022 ・0 comments ・Topic: Dr_Madhvi_Borse poem
वर्षा ऋतु !
ढेर सारी खुशियों की बौछार,
सभी करते हैं इस ऋतु का इंतजार ,
पशु पक्षियों और बच्चे,
किसानों के खेत, खलियान और फसलें,
इस ऋतु में मेहक उठता है वातावरण,
वर्षा होने से सभी के मन में उठता है हर्षोल्लास और आनंद !
चारों ओर वातावरण हराभरा हो जाता,
नीले बादलों में इन्द्रधनुष दिखाई देता,
सुहाने मौसम में पक्षियों की उड़ान,
चहचहाने की आवाज सुंदर सा आसमान!
हरियाली छाए, फूलों का खिलना
कोयल गाए, मोर का नाचना,
रंग बिरंगे छाते,
छोटे बच्चे कागजी नाव बनाते,
भुट्टो का भीगते हुए खाना,
मजे से बारिश में भीगना!
काले बादल जोरो से गढ़-गड़ाए,
ठंडी ठंडी चले हवाएं,
कितना रोमांचक है यह मौसम,
चमक उठता है सुंदर उपवन,
रिमझिम रिमझिम वर्षा आए,
चलो इस ऋतु का लुफ्त उठाएं,
हमारे मन को प्रसन्नचित्त कर जाए,
प्रकृति की तरह हम भी खुलकर मुस्कुराए!!

डॉ. माध्वी बोरसे!
( स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.