कविता -गर्मी

May 01, 2022 ・0 comments

गर्मी

उदय राज वर्मा उदय छिटेपुर सैंठा गौरीगंज अमेठी उत्तर प्रदेश
बेवफाई की चांद ने
चांद को तो कुछ कह नहीं पाए

लेकिन मोहब्बत इतनी थी
को उसे भूला भी न पाए

चले आए हमें गुस्सा दिखाने
राहें तुम्हारी इंदु ने बदली और
और गर्मी हमें दिखा रहे हैं

सूरज बाबा आप बुजुर्ग हो गए हो
अब आप इश्क मोहब्बत में जलते रहें
ये अच्छा नहीं लगता।

मौलिक अप्रकाशित
उदय राज वर्मा उदय
छिटेपुर सैंठा गौरीगंज अमेठी उत्तर प्रदेश 227409

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.