देखो हर शब्द में रब
दिल को जीत लेते शब्द
दिल को भेद भी देते शब्द
दिल को बहलता मिठास देते ये शब्द
समझो शब्द में ही बसता हर रब
देखो हर शब्द में रब।।2।।
जब-जब जिसने बोले कड़वे शब्द
रिश्तों में गिरावट होती है तब
चाहते रिश्तों में प्रगाढ़ता इंसा जब
अपनाओ मीठे शब्द प्रसन्न हो सब।।
देखो हर शब्द में रब।।2।।
जहां मधु बसता सुनो शब्दों में सच
अविचल होते रिश्ते माने हम तब
चारों ओर सुखद अनुभव होता है जब
तब सच हर ओर संग नजर आते हैं रब
देखो हर शब्द में रब।।2।।
इंद्रधनुष सतरंगी दुनिया छाए जब
हिमालय की ऊंची चोटियों सा यश
मान दिलाए हर ओर ये इंसा शब्द
छोड़ कटुता अपना प्रेम जिसमें हे रब।।
देखो हर शब्द में रब।।2।।
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
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