महाबली हनुमंत
April 25, 2022 ・0 comments ・Topic: Jayshree_birmi poem
महाबली हनुमंत
जय जय श्री हनुमंत वीर
मां अंजनी के हो तुम जाये
अति पराक्रमी बचपन थे तुम्हारे
बना दिया सूर्य को खिलौना
राम भक्ति के हो तुम वरदान
जहां हैं राम वहां हैं तुम्हारा आह्वान
राम के द्वारे तुम रखवारे
सुख के दाता हो दुःख के हो तुम हरता
बलवान बलशाली तुम हो महाबली
महाभक्त तुम ही हम भी भक्त तुम्हारे
राम तक जाने का रास्ता तुम्हीं से जाएं
बसे हैं राम तुम्हारे हृदय में
तुम्हीं ने लछमन प्राण बचाएं
दूजा जो कोई रामजी को पाता
हम भक्त तुम्हरे हैं ओ... बलशाली महाबाहु
हम भी तेरी ही शरण में आएं
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद
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