ऑपरेशन गंगा - दुनिया के लिए एक मिसाल!!!
युद्ध भूमि में फंसे छात्रों को भारत लाने की मज़बूत रणनीति - छात्रों को धैर्य और मनोबल ऊंचा रखना ज़रूरीयुद्ध भूमि पर फंसे सभी छात्रों को तीव्रता से मातृभूमि वापस लाने सरकार का उच्चस्तरीय रणनीतिक रोडमैप सराहनीय - एड किशन भावनानी
गोंदिया - यूक्रेन-रूस में छिढ़े भयंकर महायुद्ध का प्रसारण जिस तरह हर टीवी चैनल पर दिखाया जा रहा है और पल पल के अपडेट्स तुरंत दिखाए जा रहे हैं जो वर्तमान डिजिटल युग की शानदार उपलब्धि है!!! जबकि इसके पहले किसी भी महायुद्ध और इतनी बड़ी मात्रा में भयंकर हमलों का करीब-करीब लाइव टेलीकास्ट शायद ही किसी ने देखा हो!!!
साथियों बात अगर हम इस महायुद्ध में भारत की करें तो यूक्रेन में मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित अन्य शिक्षा ग्रहण करने करीब 18 हज़ार से अधिक छात्र वहां फंसे हुए थे। हालांकि एमईए ने 26 जनवरी के आसपास से ही अपनी एडवाइजरी जारी कर छात्रों को लौटने की सलाह जारी की थी, इसके बाद समय-समय पर परिस्थितियों के अनुसार एडवाइजरी में परिवर्तन होते रहे इस बीच युद्ध शुरू हो गया और भारत ने भी छात्रों को वापस लाने की अपनी प्रतिबद्धता, संकल्प और जुनून के चलते,,ऑपरेशन गंगा,,के रूप में एक मिशन बनाया जिसके तहत भारत से फ्लाइट भेजकर छात्रों को वापिस लाया जा रहा है।
इस बीच माननीय पीएम ने एक हाईलेवल मीटिंग कर अपने चार वरिष्ठ केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों मालदोवा, स्लोवाकिया, हंगरी और पोलैंड भेजने का निर्णय लिया और ऑपरेशन गंगा के तहत चलाए जा रहे वापसी अभियान पर नजदीकी से, बारीकी से, नज़र रखकर उसमें आ रही कुछ भी दिक्कतों को सुलझा कर रास्ता बनाकर पूरे छात्रों और अन्यों की वापसी को सुनिश्चित करेंगे जो काबिले तारीफ है।
साथियों बात अगर हम भारत के ऑपरेशन गंगा को दुनिया के लिए मिसाल!!! की करें तो यह सच है कि जिस शिद्दत, जुनून और प्रतिबद्धता के साथ भारत ऑपरेशन गंगा का विस्तार करता जा रहा है और युद्ध में फंसे हमारे 18 हजार से अधिक भारतीयों को वापस लाने के लिए यात्री विमान, वायुसेना की सेवा, चार मंत्रियों को यूक्रेन पड़ोस में भेजने सहित कई निर्णय लिए गए हैं जो तारीफ के काबिल हैं!! क्योंकि बड़े-बड़े विकसित देशों ने तो अपनी एंबेसी ही यूक्रेन से शिफ्ट कर दी है और अपने नागरिकों को यूक्रेनीं बंकरों में रहने या यूक्रेनीं शासन प्रशासन से संपर्क कर वापसी आने का रास्ता निकालने की सलाह दी है।
इसके विपरीत भारत को दुनिया देख रहा है कि कैसे पीएम महोदय खुद फ्रांस, पोलैंड, हंगरी, यूक्रेन सहित अनेक देशों से फोन पर चर्चा कर छात्रों की वापसी की सुनिश्चित तथा युद्ध पर अपनी गहरी चिंताएं प्रकट कर रहे हैं इसीलिए तो आज दुनिया देख रही है कि युद्ध भूमि में फंसे अनेक नागरिकों को निकालना भारत की बेमिसाल, मज़बूत, गंभीर रणनीति और आगे का रणनीतिक रोडमैप है। फंसे हुए भारतीय भी धैर्य और मनोबल ऊंचा रखकर अपनी परिपक्वता का परिचय दे रहे हैं।
साथियों बात अगर हम ऐसे नाजुक समय में भारतीय संस्कृति से हमें गॉड गिफ्ट में मिले अनमोल अस्त्र धैर्य और मनोबल की करें तो यूक्रेन में फंसे भारतीयों शासन प्रशासन, पक्ष विपक्ष, सहित हर व्यक्ति को वर्तमान समय में एक साथ, एकजुट होकर हमारे ऑपरेशन गंगा को अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाने में धैर्य, साहस, मनोबल ऊंचा रखकर सफल बनाना है। अभी स्थिति ऐसी है कि गिले -शिकवे सभी भुलाकर सफलता का पथ कैसे प्राप्त हो इसपर ध्यान देना है ना कि किसी भी नकारात्मक या गलतियां निकाल कर मीडिया के द्वारा अपने विचार रखना है। हालांकि सभी को विचार रखने का संविधानिक अधिकार है परंतु समय के परिपेक्ष में सहयोग और सकारात्मकता दिखाना भी मानवता की सेवा है ऐसा हमें संज्ञान लेना है।
साथियों बात अगर हम यूक्रेनरूस युद्ध की गंभीरता को देखते हुए पीएम द्वारा दिनांक 1 मार्च 2022 को आयोजित चौथी बैठक की करें तो, युद्ध के मद्देनजर वहां से भारतीयों, विशेषकर छात्रों की सुरक्षित निकासी को केंद्र में रखते हुए मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अनुसार यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा की जा रही सैन्य कार्रवाई के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी की यह चौथी बैठक थी। पीएम की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं, इस हमले में मंगलवार को एक भारतीय छात्र की मौत भी हो गई। रूस द्वारा खारकीव में की गई गोलाबारी में भारतीय छात्र की मौत हो गई। छात्र कर्नाटक के हावेरी जिले में चलगेरी के निवासी थे।
पीएम की प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने पर है, इससे पहले, भारतीय दूतावास ने मंगलवार को ही विद्यार्थियों सहित सभी भारतीय नागरिकों को तुरंत कीव छोड़ने की सलाह दी। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए शुरू किए गए ‘‘ऑपरेशन गंगा'' में और तेजी के प्रयास के तहत पीएम ने मंगलवार को ही भारतीय वायुसेना से इस अभियान में शामिल होने के लिए कहा है।भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान को जल्द ही ‘‘ऑपरेशन गंगा'' में शामिल किया जा सकता है।
साथियों बात अगर हम ऑपरेशन गंगा में वायु सेना को शामिल करने की करें तो, आपरेशन गंगा' को गति देने के लिए पीएम ने भारतीय वायुसेना को इसमें शामिल होने के लिए कहा है। टीवी चैनलों के अनुसार उन्होंने कहा कि वायुसेना के विमानों के आपरेशन में शामिल होने से भारतीयों के यूक्रेन से लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। साथ ही भारत से भेजी जा रही राहत सामाग्री भी तेजी से पहुंचेगी। सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए कि सी-17 विमान आपरेशन गंगा के तहत बुधवार से अपनी उड़ानें शुरू कर सकते हैं।
पीएम के निर्देश के बाद भारतीय वायुसेना ने भी कहा कि यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए जिस तरह की भी जरूरत है, उसके लिए वह तैयार है। हालांकि वायुसेना ने आपरेशन गंगा के तहत अपने विमानों की उड़ान का विस्तृत ब्योरा अभी जारी नहीं किया है। सी-17 ग्लोबमास्टर में एक साथ 300 से 400 लोगों को लाया जा सकता है। फिलहाल एयर इंडिया, इंडिगो और स्पाइसजेट जैसी निजी एयरलाइंस आपरेशन गंगा के तहत भारतीय छात्रों को लाने के अभियान को अंजाम दे रही हैं। सोमवार व मंगलवार को भी उन्होंने कई उड़ानों संचालन किया। मंगलवार को इन उड़ानों के जरिये 616 भारतीय स्वदेश लाए गए।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ऑपरेशन गंगा दुनिया के लिए मिसाल है!!!युद्ध भूमि में फंसे छात्रों को भारत लाने की रणनीति बेमिसाल है!!! छात्रों को धैर्य और मनोबल ऊंचा रखना ज़रूरी हैं युद्ध भूमि पर फंसे सभी छात्रों को तीव्रता से मातृभूमि वापस लाने सरकार का उच्चस्तरीय रणनीतिक रोडमैप सराहनीय कार्य है।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ, स्तंभकार, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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