Gujrat ka gaurav-jayshree birmi

गुजरात का गौरव

Gujrat ka gaurav-jayshree birmi
देश के अग्रणी राज्यों में गुजरात की भी गिनती होती हैं।चाहे वह विकास हो,राजनीति हो या उद्योग पतियों की गिनती हो,गुजरात हमेशा ही अग्रसर रहा हैं।जिसका हार्द कहें तो वह पुरानी राजधानी अहमदाबाद हैं,गुजरात का दिल ही समझो न इसे।साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ ये शहर ६०० साल से भी पुराना हैं।एक कथा हैं कि अहमदशाह शिकार पर निकला था अपने खूंखार कुत्तो के साथ,जब एक खरगोश उनके सामने आया तो कुत्ते उसके पीछे दौड़े किंतु थोड़ी दूर जाते ही खरगोश ने पलट कर कुत्तों का सामना किया तो कुत्ते भी थोड़ी देर रुक से गए।अहमदशाह हैरान हो गया और ऐसी जगह जहां खरगोश भी प्रतिकार कर लेते हैं वहां शहर बसाने का हुक्म दे दिया और अहमदाबाद बस गया।अहमदाबाद को ऐतिहासिक वियाना, काहिरा,ब्रसेल्स ,रोम,एडिनबर्ग के जैसे शहरों की सूची में शामिल किया गया हैं।
गुजरात के नाम के बारे में भी एक कथा हैं,६ वीं से १२वीं सादी तक गुर्जरत्रा के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि यहां गुर्जर जाति के लोग ज्यादा बस्ते थे।जो बाद में गुजरात कहलाया जाने लगा।
एक और भी कथा हैं अहमदशाह के साथ युद्ध में मारे जाने या तो हर जाने वाले राजा आशाभील ने आशावल शहर की स्थापना की थी। उन दिनों में मध्य भारत ने भील राजाओं का शासन भी रहा हैं जो अति पराक्रमी हुआ करते थे।
गुजरात का उद्योग केंद्र अहमदाबाद जिसे अमदावाद भी कहा जाता हैं।भौलिक स्थिति के हिसाब से अहमदाबाद से सिंध,महाराष्ट्र,मध्य भारत सभी जगहों से जुड़ने में आसानी रहती थी,समुद्र रास्ते से भी वेपार उद्योग को बढ़ावा मिलता था।
उद्योग जगत में अहमदाबाद का नाम सदा ही अग्रसर रहा हैं।देश का मैनचेस्टर मानाजाने वालें अहमदाबाद में आज कई औद्योगिक वसहतों को औद्योगिक विकास के लिए प्रमोट किया जा रहा हैं।अहमदाबाद के आसपास के कई छोटे छोटे गांवो में इंड्रस्ट्रियल पार्क बने हैं जैसे सानंद, छतराल,चांगोदर, नरोड़ा,आदि हैं कई देसी विदेशी कंपनियों ने भी अपने उत्पाद के लिए यहां प्रोडक्शन हाउस खोले हुए हैं।जिसने गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड,जीएमएडीसी आदि संस्थानों के सहयोग से उद्योगों को बढ़ावा मिलता हैं।
अहमदाबाद में देखने योग्य ऐतिहासिक जगह भी बहुत हैं।वर्ल्ड हेरिटेज की श्रेणी में आने वाले अहमदाबाद की पोल( मोहल्ले)में एक जीता जागता इतिहास देखने को मिलेगा। यहां हेरिटेज बिल्डिंग को सुरक्षित रखा गया हैं जो दर्शनीय हैं। सिदी सैयद की जाली जो मस्जिद में लगी हैं वह भी कला का एक अप्रतिम नमूना हैं।फिर जुलते मीनार जो आज कल रक्षा के हिसाब से बंद हैं,जिसने एक मीनार पर चढ़ने से वह जुलते हैं,हिलते हैं ये एक अदभुत कलाकारी का नमूना हैं।
अहमदाबाद के आसपास भी बहुत ही दर्शनीय जगहें है जो ऐतिहासिक और प्राकृतिक वैभव के अस्तित्व को दर्शाते हैं।जैसे लोथल एक ऐतिहासिक जगह हैं जहां पौराणिक नदी सरस्वती जो अब सुख चुकी है उसके किनारे पर बसा शहर जो उस वक्त के विकसित जगहों में गिना जाता होगा,सिंधुघाटी स्थल जिसे 1954 में खोजा गया था जो उस वक्त की सभ्यता जो आधुनिक सभ्यता से कम नहीं थी,तब भी विभिन्न देशों से व्योपार और औद्योगिक विकास की भी कहानी दर्शाती हैं।
भद्र का किला एक ऐतिहासिक दस्तावेज हैं जो आज भद्रकाली मंदिर के लिए भी प्रख्यात हैं।किले में जटिल नक्काशी और विशालता दर्शनीय हैं।कांकरिया झील जो 15 वीं शताब्दी में बनाई गई थी, वह अति विशाल हैं, उसकी दीवारों के पत्थर पर भी बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई हैं।उसके आसपास सुंदर एम्यूझमेंट पार्क बनाया गया हैं।
अदालाज की वाव,बावड़ी भी एक सुंदर नक्काशी वाली जगह हैं जहां पुराने जमाने में मुसाफिरों को आश्रय और पानी उपलब्ध करवाती थी।एक सुंदर दर्शनीय स्थल हैं।
इन सबके अलावा नया वैष्णव देवी मंदिर, इस्कॉन मंदिर,गांधीनगर के विविध बाग,पतंग संग्रहालय,साइंस सिटी आदि भी दर्शनीय जगहें हैं।
गुजरात में कई और भी दर्शनीय जगहें हैं जिसे देखना खुशी की अनुभूति करवाता हैं।

जयश्री बिरमी
अहमदाबाद

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