अंतर्राष्ट्रीय मंचों नाटो, यूएनओ, ईयू के रहते युद्ध!!!

February 28, 2022 ・0 comments

अंतर्राष्ट्रीय मंचों नाटो, यूएनओ, ईयू के रहते युद्ध!!!अंतर्राष्ट्रीय मंचों नाटो, यूएनओ, ईयू के रहते युद्ध!!!

भारत की नैतिक मनोदृष्टि का विश्व में डंका- आक्रमण रोकने यूक्रेन ने भारत को रूस के साथ प्रगाढ़य संबंधों के इस्तेमाल की गुहार लगाई!!

भारतीय संस्कृति में ही कूटनीति और संवाद से समस्या का समाधान निकालने का गॉड गिफ्टेड गुण है - युद्ध मानव विनाश का द्वार- एड किशन भावनानी

गोंदिया - समय के चक्र ने पृथ्वी लोक पर सृष्टि में विचरित महा बुद्धिमान प्राणी मानव को दो महायुद्ध, प्रथम विश्व युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध सहित हिरोशिमा नागासाकी पर गिराए परमाणु बम, वैश्विक स्तरपर कुछ देशों के युद्ध, भारत पाक का 1965 -1971 में युद्ध, दो चार माह पूर्व अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा और अभी चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध दिखाएं हैं!! हालांकि इस तरह के विवादों, युद्ध या अन्य अनेक स्तरोंपर अनेक वैश्विक ट्रिट्टीयां, संगठन, अंतर्राष्ट्रीय नियम, कानून, समझौते सहित अनेक संगठन जी-7,जी-20 संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएनओ), उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो), यूरोपीय संघ(ईयू), सहित कुछ संगठन है परंतु इसके बावजूद यूक्रेन रूस के युद्ध में कूटनीति, सवांद से समस्या का समाधान वाला गुण काम नहीं आया!!! जो रेखांकित कर मानव चिंतन करने का विषय है!!! हालांकि इस मुद्दे पर हर संगठन ने अपना अपना महत्वपूर्ण रोल अदा किया होगा और युद्ध रोकने के भरसक प्रयास किए होंगे परंतु फ़िर प्रश्न वही उठ खड़ा होता है कि अन्तर्राष्ट्रीय मंचों नाटो, यूएनओ, और ईयू के रहते युद्ध!!!
साथियों बात अगर हम दिनांक 25 फ़रवरी 2022 को देर रात तक वर्चुअल मोड में 30 देशों के उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की मीटिंग के नतीजों की करें जो 26 फ़रवरी 2022 सुबह टीवी चैनलों के अनुसार जो बातें निकलकर सामने आई उसमें रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने, रूस के राष्ट्रपति की संपत्ति फ्रीज़ करने, ईयू से बाहर करने, यूक्रेन को समर्थन जारी रखने सहित कुछ प्रस्तावों पर सहमति बनी।
साथियों बात अगर हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नाटो और ईयू की तात्कालिक बैठकों में हुई सहमति की करें तो ब्रिटेन के पीएम ने शुक्रवार को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देशों के नेताओं से कहा कि यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला करने के लिए, उनका देश शीघ्र ही रूस के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री पर प्रत्यक्ष प्रतिबंध लगाएगा। नाटो नेताओं की डिजिटल माध्यम से हुई एक बैठक को संबोधित करते हुए जॉनसन ने कहा कि उनकी सरकार, शीत युद्ध के बाद की वैश्विक व्यवस्था को पलटने के लिए खोई हुई जमीन वापस पाने के वास्ते चलाये जा रहे अभियान पर रूस के नेताओं के विरुद्ध निजी तौर पर भर्तसना की।
साथियों बात अगर हम यूक्रेन और भारतीय विदेश मंत्रियों की 25 फरवरी 2022 शाम को हुई बातचीत की करें तो, यूक्रेनी विदेश मंत्री बोले- मैंने भारत से मांगी मददमांगी यूक्रेनी विदेश मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि मैंने भारतीय समकक्ष विदेशमंत्री के साथ फोन पर बातचीत की है। भारत से यूक्रेन के खिलाफ सैन्य आक्रमण को रोकने के लिए रूस के साथ अपने संबंधों में सभी प्रभाव का उपयोग करने के लिए कहा है। यूक्रेन में शांति बहाल करने पर आज के मसौदे के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए भारत से एक अस्थायी यूएनएससी सदस्य के रूप में आग्रह किया है।जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्री ने ट्वीट किया कि यूक्रेन के विदेश मंत्री का कॉल आया। उन्होंने वर्तमान स्थिति को लेकर अपना आकलन साझा किया। उन्होंने कहा कि मैंने इस बात पर जोर दिया कि भारत समाधान निकालने के लिए कूटनीति और बातचीत का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की स्थिति के बारे में चर्चा की तथा सुरक्षित निकासी में उनके सहयोग की सराहना की।
साथियों बात अगर हम संयुक्त राष्ट्र संगठन के बयान की करें तो, यूक्रेन में मौजूदा संकट के मुद्दे पर पिछले तीन दिनों में, सुरक्षा परिषद की दूसरी आपात बैठक बुधवार को बुलाई गई थी, जिसमें सदस्य देशों ने सैन्य टकराव से पीछे हटने और कूटनैतिक समाधान पर बल दिया है था। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस की विशेष सैनिक कार्रवाई ग़लत है और यूएन चार्टर के सिद्धान्तों का भी उल्लंघन है। यूएन प्रमुख ने न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में, गुरूवार को पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा था कि दुनिया को युद्ध की विभीषिका की नहीं, बल्कि शान्ति की ज़रूरत है।
साथियों बात अगर हम इस मामले में नाटो की करें तो,एक संवाददाता सम्मेलन में नाटो प्रमुख ने कहा,हमारे महाद्वीप में शांति भंग हो गई है।रूस इतिहास को दोबारा लिखने का प्रयास कर रहा है। उसने यूक्रेन को उसकी स्वतंत्रता एवं आजादी देने से इंकार कर दिया है। नाटो प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन हमारे संगठन का सदस्य नहीं है। वहां पर हमारी सेना नहीं है लेकिन हम अपनी रक्षात्मक तैयारी कर सकते हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद नाटो रोमानिया,बुल्गारिया हंगरी और स्लोवाकिया में अपनी सैन्य टुकड़ियों को तैनात करने की योजना बना रहा है।
साथियों बात अगर हम युद्ध विवाद में नाटो की करें तो, इस पूरे विवाद के नेपथ्य में नाटो है। नाटो यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन। इसे 1949 में शुरू किया गया था। यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है, लेकिन रूस नहीं चाहता कि ऐसा हो। तनाव यहीं से शुरू हुआ और अंजाम युद्ध तक आ पहुंचा। यह समझना जरूरी है कि यूक्रेन और रूस विवाद में नाटो की एंट्री कहां से हुई और यूक्रेन के लिए इतना विवादित क्यों हो गया रूस ?नाटो बना, तब इसके 12 सदस्य देश थे। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, इटली, नीदरलैंड, आइसलैंड,बेल्जियम,लक्जमबर्ग नॉर्वे, पुर्तगाल और डेनमार्क। आज इसमें 30 देश हैं। यह एक सैन्य गठबंधन है,जिसका मकसद साझा सुरक्षा नीति पर कामकरना है।
साथियों बात अगर हम यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को भारत लाने की करें तो, यूक्रेन से भारतीय नागरिकों का पहला जत्था सीमा पार कर रोमानिया के सुशिवा पहुंचा है। यहां से हमारी टीम अब आगे की यात्रा के लिए उन्हें बुखारेस्ट की यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी और 26 फरवरी 2022 को दो विशेष विमान एक दिल्ली और दूसरा मुंबई पहुंचेगा उपरोक्त सभी जानकारी टीवी चैनलों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से ली गई है।
अतः उपरोक्त पूरे विवरण का अगर हम अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि अन्तर्राष्ट्रीय मंचों नाटो, यूएनओ,ईयू के रहते युद्ध!!! भारत की नैतिक मनोदृष्टि का विश्व में डंका!!! आक्रमण रोकने यूक्रेन ने भारत को रूस के साथ प्रगाढ़य संबंधों के इस्तेमाल की गुहार लगाई;! भारतीय संस्कृति में ही कूटनीति और संवाद से समस्या का समाधान निकालने का गॉड गिफ्टेड गुण है!! युद्ध मानव विनाश का द्वार है।

-संकलनकर्ता लेखक-कर विशेषज्ञ, स्तंभकार, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र

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