आसान रास्ता- जितेन्द्र 'कबीर'
February 14, 2022 ・0 comments ・Topic: Jitendra_Kabir poem
आसान रास्ता
वक्त ज्यादा लगता है,जुनून ज्यादा लगता है,
प्रतिभा ज्यादा लगती है,
साल दर साल मेहनत करके
एक नया एवं बेहतर इतिहास बनाने में,
एक आसान रास्ता अपनाते हैं
चलो बदल देते हैं इतिहास की किताबें,
सड़कों, भवनों, शहरों के नाम
और लिखा लेते हैं अपना नाम
इस देश में हुए अब तक के
सबसे महान इंसानों में।
हृदय बड़ा लगता है,
प्रयास बड़ा लगता है,
सहनशक्ति बड़ी लगती है,
अपनी समझदारी एवं दूरदर्शिता से
एक विशाल देश के हर नागरिक के लिए
तरक्की एवं खुशहाली के समान,
बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने में,
एक आसान रास्ता अपनाते हैं
चलो फूट डालते हैं जनता में
धर्म, जाति, वर्ण, पिछड़ों-अगड़ों के नाम
और बचा लेते हैं अपनी सत्ता
ले-लेकर नाम भगवानों के।
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