कोशिश-नंदिनी लहेजा

January 07, 2022 ・0 comments

विषय-कोशिश

कोशिश-नंदिनी लहेजा
कोशिश करना फ़र्ज़ तेरा, बन्दे तू करता चल।
भले लगे समय पर तू, निश्चित पाएगा फल।
रख विश्वास स्वयं पर, और ना मान कभी भी हार।
कोशिश को रख जारी अपने, ना मान इसे कोई भार।
माना निरन्तर करके कोशिश, हम थक से जाते हैं।
मज़िल तक पहुँच ना पाएंगे,यह सोच के हम घबराते हैं।
पर ना भूलें हम सब, बचपन में जो सुनी थी कहानी।
आओ फिर से याद करें,जो सुनाती थीं दादी नानी।
प्यासा कौआ तृष्णा मिटाने, घड़े समीप था आया।
पर जल तो था बिलकुल तल में, फिर भी न वो घबराया।
निरन्त चोंच में कंकर थामें, डालता गया घड़े के भीतर।
कंकर जमा हो गए तल में, और जल आ गया ऊपर।
प्यास बुझाई काग ने अपनी, कोशिश की उसकी जीत हुई।
कोशिश से मिलता जो चाहते हम, सिखाती कहानी हमें यही।

नंदिनी लहेजा
रायपुर(छत्तीसगढ़ )
स्वरचित मौलिक 


Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.