नंबर आएगा सभी का- जितेन्द्र 'कबीर'
December 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
नंबर आएगा सभी का
कत्ल नहीं हुआ अब तक
हमारा धर्म मानने वालों में से किसी का,हमारी जाति में से भी नहीं
हताहत हुआ निर्दोष कोई,
आस-पड़ोस सुरक्षित और हमारे ऊपर भी
फिलहाल खतरा है नहीं अब तक
इस तरह की बेमौत रुखसती का,
सोचकर यह हत्यारों के पक्ष में
चुप्पी साधकर बैठने वालो
खून जिसके मुंह लग चुका है
वो किसी न किसी बहाने से
एक दिन नंबर लगाएगा तुम सभी का।
धर्म, नस्ल, जाति का ठप्पा तुम पर लगाकर
बांट रहा है अभी तुम्हें वो,
शिकार बनाएगा तब जब कर देगा
सबमें फूट डालकर हर एक को अकेला खड़ा,
वो तुम्हारे हित में मारे जा रहा है सबको
सोचकर यह हत्यारों के पक्ष में
चुप्पी साधकर बैठने वालो
हर हत्या इन्सानियत की है हत्या
समझोगे नहीं अगर तुम
तो हश्र वैसा ही होने वाला है तुम सभी का।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.