दोनों बातें खतरनाक हैं- जितेन्द्र 'कबीर'
December 09, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
दोनों बातें खतरनाक हैं
किसी परिवार का मुखिया
परिवार के किसी सदस्य की
नाराजगी के डर से
चुप्पी साध लेता है जब
अपने परिवार में कुछ ग़लत होता देखकर
और नहीं उठाता
समय रहते कोई उपयुक्त कदम,
तो आने वाले समय के लिए
जाने-अनजाने में वो
बो देता है बीज
परिवार के विघटन और बर्बादी के।
किसी देश का मुखिया
देश के किसी समुदाय की
नाराजगी के डर से
चुप्पी साध लेता है जब
अपने देश में संविधान,कानून व जनतांत्रिक
मूल्यों के साथ खिलवाड़ होता देखकर
और नहीं उठाता
समय रहते कोई उपयुक्त कदम,
तो आने वाले समय के लिए
चाहे-अनचाहे वो
बो देता है बीज
देश में हिंसा और अराजकता के।
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