प्रेम में सब कुछ चलता हैं(व्यंग)-जयश्री बिरमी

December 19, 2021 ・0 comments

प्रेम में सब कुछ चलता हैं (व्यंग)

प्रेम में सब कुछ चलता हैं(व्यंग)-जयश्री बिरमी
पुरानी फिल्में देख कई दृश्यों का हम मजाक उड़ाते थे।हीरो ने दौड़ती गड्डी के पीछे दौड़ कर हिरोइन को बचाना हकीकत में शक्य नहीं हैं किंतु वह तो हीरो हैं न!वैसे आज जैसा नहीं था ,सारी खूबियां हीरो में ही नहीं होती थी,खलनायक,कॉमेडियन सभी की अपनी अपनी भूमिकाएं थी।वैसे ही नारी पात्रों  में भी था,डांसर,खलनायिका और हीरोइन अलग अलग होती थी। और आज देखे तो पूरा खाका ही बदल गया हैं फिल्मों में कहानियों का।हीरो में देखें तो हीमैन हुआ हीरो तो धर्मांद्र,प्यार करने वाला हीरो हो तो राजेंद्र कुमार या देवानंद ,और उछलकूद और डांस वाला हीरो हो तो जितेंद्र को पसंद किया जाता था लेकिन यहां  तो सनी देओल को भी नचाया जाता रहा हैं।वैसे ही गानों में चलता था।महबूबा को चांद तक पहुंचा दिया जाता था,और हीरो जो सुकड़ा भी हो तो किसी से भी भीड़ जाता था।सब से ज्यादा तो हट्टे कट्टे खलनायक को सुकडा सा हीरो उछल उछल के मारता हो और बलवान खलनायक मार खाता रहे।सबसे ज्यादा मजेदार तो ये होता था कि हीरो मारे उससे पहले ही ’ढिशुम ढिशुम’ की आवाजें आ जाती थी जो शायद टेक्निकल यंत्रों की कमी थी।
ऐसा ही शायरियों में भी देखने मिलता था कहीं तो पढ़ा था ये 
 ’ नींद आती नहीं तुम्हारे बिना,
ख्वाबों में तुम आ जाया करो’.
अब बताएं अगर नींद ही नहीं आती तो ख्वाब कहासें आयेंगे?ख्वाब नहीं आते हैं तो प्रेमिका ख्वाब में कहांसे आयेगी ये एक समजनेवाली बात हैं।
एक और भी हीरो होता था वह था चांद।अमूमन सभी फिल्मों में चांद के बखान हो ही जाते थे।उपर से स्त्री सिंगार को नवाजा जाता था। चूड़ियों की खनक, बिंदियों की चमक के हीरो दीवाने हुआ करते थे।कभी चोली,लहंगा और चुन्नियों के बारे में भी गीत लिखे जाते थे।वहीं बहुत सारे रंगों को भी सराहा जाता था।उसी रंग के पोशाक की हीरोइन को कैसे फबते थे वही हीरो के प्यार का इजहार भी हो जाता था।
   यहां चांद भी आहे भर लेता हैं जब प्रेमिका के हुस्न के बारे में बात होती हैं।फिल्म कहें या इश्क कहें उसमें चांद का एक अहम स्थान हैं।उसीको देख के कई गानों में महबूबा की तारीफ में चांद के साथ उसकी तुलना कर कसीदें गए जाते हैं।वहीं फूलों की खुशबू, रंग और नजाकत से भी तुलना की जाती रही हैं।सब से ज्यादा रसप्रद पुरानी फिल्मों के गाने होते थे जो आज  भी बड़े शौक से गए जाते हैं।

जयश्री बिरमी
अहमदाबाद

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.