त्यौहारों के बहाने
त्यौहारों के बहाने
घर लौट पाते हैं...
रोजी - रोटी के खातिर
अपने घरों से दूर रहने को मजबूर लोग,
पढ़ाई - लिखाई के खातिर
अपने माता - पिता के सानिध्य से दूर युवा,
मायके में अपने प्रियजनों के साथ
थोड़ा समय बिताने की चाह रखने वाली
विवाहिताएं,
त्यौहारों के बहाने
एक - दूसरे के साथ खड़े हो पाते हैं...
कई छोटे - बड़े मुद्दों पर मन ही मन
अलगाव की हद तक पहुंच चुके
कुछ भाई, बिरादर और रिश्तेदार,
अब एक - दूसरे की संगत से
परहेज करने वाले
बचपन के लंगोटिया यार,
इस देश के ज्यादातर लोगों के लिए
त्यौहारों का धार्मिक संदर्भ प्रतीकात्मक है,
असली खुशी अपनों से मिलकर
कुछ समय बिताने की है।
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