Raunak laut aae by Anita Sharma
November 07, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
रौनक लौट आई
लम्बे अरसे के बाद सही
पर......रौनक लौट रही।
सज रहे बाजार
बहुत समय के बाद ।
घरों में भी चहचहाट है
रंगों संग खुशहाली है ।
गलियों में सरगर्मी लौटी
दीपावली की रौनक लौटी।
सारा डर पीछे छूटा है
चेहरों पर संतोष दिखा है।
नये वस्त्र-सज-धज का सामान
निकल रहे बाजार सभी।
अर्से बाद फिर रौनक लौटी
उत्सव के रंग दिखते सब ओर।
घरों में रंग रौगन हुआ
बस सन्नाटा दूर हुआ।
बरसों बाद रौनक लौटी
सबके चेहरे पर मुस्कान दिखी।
खुलकर अब जीवन लौटा
सरपट दौड़ बढ़ रही जिन्दगी।
घर बाजार स्कूल खुले
चारो ओर रौनक बिखरी।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.