Lokpriye sarkare by Jitendra Kabir
November 07, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
लोकप्रिय सरकारें
सदभाव की बात करना
माकूल नहीं यहां पर
जब भाषाएं भी वतन की
धर्म के नाम पर बांटी जाती हैं,
दुर्भाव समुदायों में फैला कर
जहां सत्ता हथियाती हैं
लोकप्रिय सरकारें।
उत्थान की बात करना
माकूल नहीं यहां पर
जब कलाएं भी वतन की
धर्म के आधार पर आंकी जाती हैं,
कलाकारों का करके इस्तेमाल
जहां वोट हथियाती हैं
लोकप्रिय सरकारें।
इन्सानियत की बात करना
माकूल नहीं यहां पर
जब वफादारी भी वतन की
धर्म के आधार पर निर्धारित होती है,
जानवरों के बदले में
जहां इंसानों को मरवाती हैं
लोकप्रिय सरकारें।
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