Kaisa jivan by Indu Kumari

November 13, 2021 ・0 comments

 कैसा जीवन

Kaisa jivan by Indu Kumari

जीवन है समरसता की धारा

छल  प्रपंचों को करें किनारा

सादगी नर जीवन की पहचान

मानव सब जीवों में बुद्धिमान

दानवी प्रवृति नहीं तेरा श्रृंगार

सुकर्म पथ पर बरसाओ प्यार

रिस्तों  की  बागडोर  संभालो

छोटी गलतियों न देखो भालो

जीवन है महासंगम की धारा

प्रेम समन्वय हो विचार धारा

मीठी बोली  इंसान  बहाओ  ना

सुखी टूटी रिस्ते फिर उगाओ ना

मरी  आत्मा को  जिलाओ  ना

समरसता की धारा बहाओ ना

धोखे नहीं तुम्हारी  फितरत है

वैमनस्यता  को दूर भगाओ ना।


डॉ.इन्दु कुमारी
   मधेपुरा बिहार

Post a Comment

boltizindagi@gmail.com

If you can't commemt, try using Chrome instead.