गोधन - डॉ.इन्दु कुमारी
November 07, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
गोधन
गोबर की यम मूर्ति बनाई
प्यार से इनको सजाई
दीर्घायु की दुआ माँगी
भाई जियो लाख बरीश
हमें दे दो स्नेह अशीष
भाई बहन का प्यार है
भैयादूज त्योहार है
प्राचीन परम्परा पे नाज
बढ़ता पारस्परिक प्यार है
भाई बहन के दर पे आना
एक-दूजे के अशीष पाना*
भाई बहन तेरे प्यार गहना
दर पे इन्तजार में है बहना
सदा खुश रहना मेरे भाई
होगी न बचपन की लड़ाई।
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